
बिहार में इश्क, इजाजत और इनकार की नई कहानी
कहानी इश्क, इजाजत, तकरार और इनकार की है। कभी जब इश्क हुआ था तो खूब निभी। वह भी ऐसा कि धर्म तक बदलना स्वीकार किया। फिर, मसला तकरार और उससे आगे इंकार तक जा पहुंचा। और आज, जब वलीमा का मंच सज ही रहा था, शौहर की दोनों बेगमों का सामना हो गया। फिर, वही हुआ, अमूमन जो होता है। सड़क पर तमाशा, तमाशबीन भीड़ और खाकी की इंट्री। सिलसिलेवार ढंग से पूरी कहानी बयां कर रहे हैं, गया से एसकेउल्लाह गुड्डू...
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