
हिमालय बीमार है…
भारत की तासीर प्रकृति के साथ सद्भाव की, साथ-साथ रहने की रही है। सहस्त्राब्दियों से हम सबकी जो साझी समझ रही, उसमें विजेता नहीं, हम लोग प्रकृति के हिस्से, उसके अंग हैं। इसका सुरक्षित व संतुलित रहना हमारे जीवन के सुरक्षित व संतुलित होने की गारंटी है। लेकिन पहाड़ों का गिरना, नदियों का सूखना, दूषित होना, वनों का खत्म होना, पशुधन गंवा देना, धरती का चुकते जाना; कमोवेश आज का यह वैश्विक ट्रेंड हैं। इसी ट्रेंड पर गहरी रोशनी डालती दो रिपोर्ट्स हैं, जिनसे पता चलता है कि हिमाचल की बीमारी किस कदर बढ़ रही है।
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