
नक्सलवाद: आदिवासी बने रक्तपात युक्त राजनीति के शिकार
एक उग्र विचार के रूप में नक्सलवाद का जन्म पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव से हुआ। मकसद इसका हाशिए पर पड़े समाज को हिंसक क्रांति से इंसाफ दिलाना था। विस्तार के क्रम में विचार पर हिंसा प्रधान हो गई। इसी के दम पर डर पैदा कर अंधाधुंध वसूली की गई। पिसना इसमें आदिवासियों को ही पड़ा। वरिष्ठ पत्रकार और नक्सल मामलों के विशेषज्ञ उपेंद्र राय की रिपोर्ट...
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