
रोकेंगे जल, पाक में मचेगी हलचल
युद्ध और शत्रुता के बावजूद 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को तोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी युद्ध में होने वाली क्षति की अपेक्षा पाकिस्तान को ज्यादा चोट पहुंचाया है। सिंधु जल से ही पाकिस्तान की 80 प्रतिशत खेती होती है। यही कारण है कि इस समझौते को रद्द होते ही तिलमिलाए पाकिस्तान का वक्तव्य आया, सिंधु जल समझौता तोड़ना युद्ध के जैसा ही है। यूपी सरकार में मंत्री रहीं भाजपा नेता स्वाती सिंह ने विस्तार से इस पर अपनी राय रखी है।
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