पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख सह राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को जान से मारने की धमकी मिली है। सांसद ने बताया कि धमकी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से दी गई है। कुशवाहा की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन मोबाइल नंबरों को भी दर्ज किया है, जिससे धमकी की काल आई थी।
बृहस्पतिवार रात 11:31 बजे सांसद ने एक्स पर लिखा, रात 8:52 से 9:20 बजे के बीच मुझे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर मोबाइल नंबर +916305129156 और +919229567466 से लगातार 7 धमकी भरे कॉल आए। मोबाइल नंबर +917569196793 से 8:57 बजे MMS/SMS कर के कहा गया कि अगर राजनीतिक रूप से एक पार्टी विशेष पर बोलते रहे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। 10 दिनों में खत्म कर देने जैसी बातें भी कही गई। कुशवाहा का कहना है कि वह धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और लोकतंत्र में इस तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आज शाम 8:52 PM से 9:20 PM के बीच मुझे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर मोबाइल नंबर +916305129156 और +919229567466 से लगातार 7 धमकी भरे कॉल आए। साथ ही मोबाइल नंबर +917569196793 से 8 बजकर 57 मिनट पर MMS/SMS के माध्यम से कहा गया कि यदि राजनीतिक रूप से एक पार्टी विशेष पर बोलते रहे तो…
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) June 19, 2025
पटना एसएसपी को दी सूचना, पुलिस कर रही जांच
सांसद उपेंद्र कुशवाहा इस घटना कि जानकारी पटना एसएसपी को दे दी है। उन्होंने कहा कि पटना एसएसपी इसका तत्काल संज्ञान लें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की धमकियां अस्वीकार्य है। इस पूरे व्यवधान को तुरंत समाप्त किए जाने की अपेक्षा है। उधर, सूचना मिलने के बाद पटना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर बिहार पहले भी कई नेताओं को मिल चुकी धमकियां
उपेंद्र कुशवाहा से पहले बिहार के कई नेताओं को जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पहले पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को भी वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल और सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी गई थी। उन्होंने खुद बिश्नोई गैंग को खुली चुनौती दी थी। जनवरी 2025 में श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह को भी बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी देकर 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिस तरह से बिहार के नेताओं को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से लगातार मिल रही धमकियां मिल रही है इसके पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मंशा बिहार की राजनीति में दहशत फैलाने की तो नहीं है।