भागलपुर: हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और सबसे पूजनीय महीनों में से एक है सावन। इस पूरे महीने का एकमात्र उद्देश्य भगवान शिव की पूजा करना है। भगवान शिव के सभी अनुयायी इस महीने के दौरान उनका जलाभिषेक कर विशेष पूजा आराधना करते हैं और बहुत श्रद्धा के साथ जश्न मनाते हैं। वहीं सावन के पवित्र महीने में भागलपुर के सुल्तानगंज उत्तर वाहिनी गंगा घाट पर देश भर के शिव भक्त पहुंच रहे हैं। अब तक यहां से सैंकड़ो ऐसे हठयोगी शिव भक्त गंगाजल लेकर बैद्यनाथ धाम के लिए निकले हैं जिन्हें देखकर हर कोई आश्चर्य चकित हो जाता है।
वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के सुधांशु कुशवाहा ने अपनी शिव भक्ति से सभी को चौंका दिया है। सावन के महीने में सुधांशु कुशवाहा के सपने में महाकाल आए थे। उसके ठीक 3 महीने बाद (1 नवंबर 2023) कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष, चतुर्थी तिथि जिस दिन करवा चौथ का पर्व था। उस दिन से सुधांशु कुशवाहा 12 ज्योतिर्लिंग की पैदल यात्रा करने निकले हैं। वह सबसे पहले अपने गृह राज्य स्थित उज्जैन में महाकालेश्वर और खंडवा में ओंकारेश्वर का आशीर्वाद ले कर निकले। करीब 21 महीने बाद सुधांशु सुल्तानगंज पहुंचे यहां उत्तर वाहिनी गंगा जल लेकर देवघर रावणेश्वर महादेव का दर्शन करने के लिए यात्रा शुरू की है।
सुल्तानगंज पहुंचे 24 वर्षीय सुधांशु कुशवाहा ने बताया कि युवा पीढ़ी को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करने के लिए यह यात्रा शुरू की है। वह 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा पर निकले हैं अब तक उन्होंने 10 ज्योतिर्लिंग के दर्शन व पूजन कर लिए हैं। 11 वें बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए यात्राा शुरू की है। अब तक 4 से 5000 किलोमीटर पैदल यात्रा कर चुके हैं और 2 से 3000 किलोमीटर की यात्रा और करेंगे। वह उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद यहां पहुंचे हैं। बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए जा रहे हैं इसके बाद केदारनाथ जाएंगे। 1 नवंबर 2023 को वह अपने घर से निकले थे। अब चार-पांच महीने बाद घर वापस लौटेंगे। उन्होंने बताया कि भगवान शिव में उनकी आस्था है अब तक सारी इच्छा पूरी हुई है। अब एक ही इच्छा हैं भगवान शिव का दर्शन हो जाए। आने वाले 1 साल में करीब 3000 से 4000 किलोमीटर की यात्रा और करने का लक्ष्य है। उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपनी यात्रा को दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया है। यात्रा पूरी होने के बाद उन्हें मेडल और सर्टिफिकेट भी मिल सकता है।
एक दिन में 32 किमी यात्रा करते हैं
सुधांशु एक दिन में करीब 32 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। रात में मंदिर धर्मशाला और ढाबा में आराम करते हैं। उनकी इस यात्रा में आम लोग भी आर्थिक मदद कर रहे हैं।
12 ज्योतिर्लिंग के नाम
सोमनाथ (प्रभास पाटन), मल्लिकार्जुन (श्रीशैलम), महाकालेश्वर (उज्जैन), ओंकारेश्वर खंडवा (मध्य प्रदेश), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), काशी विश्वनाथ (वाराणसी), त्रयंबकेश्वर (नासिक), वैद्यनाथ (देवघर), नागेश्वर (द्वारका), रामेश्वरम (तमिलनाडु), घृष्णेश्वर (एलोरा) हैं।