गया: जिले के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र में लंगूराही पहाड़ी है। इस पर मशहूर लंगूराही जलप्रपात है। यहां बड़ी संख्या में लोग सैर सपाटा के लिए पहुंचते हैं। रविवार होने से यहां भीड़ ज्यादा थी। इसी दौरान जलप्रपात में सैलाब आ गया। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई।
पानी का बहाव इतना तेज था कि कई लोग उसमें बहने लगे। खासकर 6 बच्चियों पानी के साथ बहने लगीं। इससे अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। इस बीच ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और बच्चियों को तेज बहाव से बाहर निकाला। इस दौरान पहाड़ से जलप्रपात के साथ बहाव के दौरान चट्टान से टकराकर एक बच्ची घायल हो गई। इसका इलाज चल रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार मौसम सामान्य था। बड़ी संख्या में लोग जलप्रपात का आनंद ले रहे थे। इसी बीच अचानक पहाड़ी से पानी आने लगा। इस तरह का सैलाब लंगूराही जलप्रपात पर पहली दफा देखा गया। तेज बहाव से लोग इसके चपेट में आने लगे। 6 बच्चियां पानी की तेज धार में पहाड़ की चट्टानों से टकराते हुए बहने लगी। शोर मचने पर ग्रामीण तुरंत मौके पर जुट गए और सभी बच्चियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस घटना के बाद जलप्रपात पर स्नान करने वाले लोग भयभीत होकर वहां से चले गए।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है, कि कैसे अचानक तेज पानी का सैलाब आया और लोगों को बहाकर ले जाने लगा। फिलहाल इस घटना के बाद उक्त इलाके में कई की जान बचने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।उधर, इमामगंज बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि इस तरह की घटना की जानकारी मिली है। एक बच्ची के घायल होने की सूचना है, जिसके संबंध में पता किया जा रहा है। उसका इलाज कराया जाएगा। पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है।
बागमती नदी में कटान तेज, ढाई दर्जन परिवार में दहशत
बिहार में मानसून शुरू होते ही नेपाल से निकलकर सीतामढ़ी के रास्ते समस्तीपुर तक जाने वाली बागमती नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिला के कल्याणपुर प्रखंड के नामापुर गांव में पिछले 12 दिनों के दौरान नदी की धारा ने करीब 30 फीट भूमि का कटाव किया है। आलम यह है कि पंचायत के वार्ड-7 के मकान सिर्फ 20 मीटर दूरी रह गए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर जल्द सुरक्षा का इंतजाम नहीं हुआ तो इस वार्ड के दर्जनों घर व मुख्य सड़क नदी में विलीन हो जाएगी।
स्थानीय निवासी नीरज महतो बताते हैं कि नामापुर में नदी पर पुल का निर्माण शुरू हुआ तो गांव के लोगों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोगों को लगा पुल बनने से यह गांव समस्तीपुर और दरभंगा से सीधा जुड़ जाएगा। उनका आरोप है कि पुल निर्माण एजेंसी की ओर से पुल निर्माण को लेकर गांव की ओर से ही मिट्टी का कटाव कर दिया गया। नदी के दूसरे छोर पर बांस और झाड़ी आदि को प्रोटेक्शन वॉल बनाया गया, जिससे नदी की धार मुख्यधारा से अलग गांव की ओर मुड़ गई है। इससे गांव की कटान तेज हो गया है। कटाव की जो रफ्तार है, उससे लगा रहा है कि 10 से 15 दिनों के अंदर वार्ड 7 व 9 के कई घर कटाव की भेंट चढ़ जाएंगे। स्थानीय निवासियों की मांगा है कि बांस व झाड़ी का प्रोटेक्शन बनाया जाय। इससे तत्काल कटाव रुक सकता है।
बाढ़ प्रमंडल के अभियंताओं को दिए निर्देश
स्थानीय विधायक व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि गांव के लोगों की ओर से टेलिफोनिक जानकारी दी गई है। इसके बाद व कटाव स्थल देखने के लिए गए थे। बाढ़ प्रमंडल के अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिए हैं। गांव को बचाने के लिए जो उपाय बन सकेगा उस पर काम कराएंगे।
कटाव स्थल का हुआ निरीक्षण
समस्तीपुर बाढ़ प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शशि सिन्हा ने कहा कि कटाव स्थल का निरीक्षण किया गया है। विशेषज्ञ को भेजा जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर प्रोटेक्शन काम शुरू किया जाएगा। भविष्य में कटाई से बचने के लिए स्थायी व्यवस्था भी की जाएगी।