संतों ने समाज को एकता की राह दिखाई: योगी आदित्यनाथ

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार मुजफ्फरनगर में थे। उन्होंने संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास महाराज की 65वीं पुण्यतिथि एवं सतगुरु समनदास जी महाराज की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में ​शिरकत की।

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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि संतों ने समाज को एकता की राह दिखाई। यह वही राह है, जो कैराना की घटना नहीं होने देती, जो हमें सुरक्षा व संरक्षण की गारंटी देती है, उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है, सम-विषम परिस्थितियों में लड़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।

सीएम आदित्यनाथ बुधवार को शुक तीर्थ मुजफ्फरनगर के संत समागम और सत्संग कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसका आयोजन संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास महाराज की 65वीं पुण्यतिथि एवं सतगुरु समनदास जी महाराज की पुण्य स्मृति में था। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास महाराज दिव्य संत थे। उन्होंने शुक तीर्थ में सतगुरु रविदास जी महाराज जी की प्रेरणा को आगे बढ़ाने का कार्य किया।

संत रविदास ने कर्मसाधना के माध्यम से जो प्रेरणा दी, वह आज भी मार्गदर्शक

सीएम ने कहा कि मध्यकाल में जब देश गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था। विदेशी आक्रांताओं द्वारा भारत की धर्म और संस्कृति को रौंदा जा रहा था, तो उस समय ज्योति के पुंज के रूप में काशी के सीर गोवर्धन में सतगुरु रविदास जी महाराज का अविर्भाव होता है। उन्होंने कर्म साधना से जो प्रेरणा दी, वह आज भी देश व हर श्रद्धालु के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करती है।

पवित्रता व निर्मलता का प्रतीक है रविदास जी महाराज का कथन

सतगुरु रविदास जी महाराज ने सामाजिक आडंबर व कुरीतियों के खिलाफ समाज को जागरूक किया। कर्म पर विश्वास करने की प्रेरणा दी। आध्यात्मिक चेतना का जागरण किया। उन्होंने कहा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा.. सतगुरु रविदास जी का कथन जीवन में आंतरिक पवित्रता और निर्मलता का प्रतीक है। उन्होंने समाज को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की नई प्रेरणा दी। संत रविदास जी महाराज के गुरु संत रामानंद महाराज ने कहा था कि जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई…।

पीएम मोदी ने संत रविदास की बातों को अक्षरशः लागू किया

मुख्यमंत्री ने संत रविदास के कथन की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी वाणी अत्यंत दिव्य थी। रविदास जी ने कहा था मैं तब प्रसन्न रहूंगा, जब बिना भेदभाव सबको समान अधिकार व अन्न मिलेगा। संत रविदास की इन बातों को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के माध्यम से इसे अक्षरशः लागू किया। कोरोना जैसी महामारी से अब तक 81 करोड़ लोगों को अन्न वितरण कराया जा रहा है और यही संतों की प्रेरणा है।

पौराणिक तीर्थ है शुकतीर्थ

सीएम ने कहा कि यह पौराणिक तीर्थ है। यह भागवतभूमि है, पांच हजार वर्ष पहले शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को भागवत की पहली कथा इस धाम पर सुनाकर भक्ति, ज्ञान, मुक्ति के महत्व की प्रेरणा बताई थी। मां गंगा भारत के सनातन धर्म परंपरा की अविरल धारा है, जो सम-विषम परिस्थितियों में उद्धार का मार्ग प्रशस्त करती है। दुनिया का कोई मत, मजहब और संप्रदाय बताए कि पांच हजार वर्ष का इतिहास कितने लोगों का है। यह दावा केवल आप कर सकते हैं। जिसके उत्तराधिकारी आप और वाहक संतजन हैं।

सीएम ने घाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, सत्संग सभागार और सुंदरीकरण का दिया भरोसा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 65वीं पुण्यतिथि पर स्वामी भिक्षुकदास जी महाराज व समनदास जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली बार समनदास आश्रम के सामने सतगुरु रविदास व संत समनदास जी महाराज की स्मृति में घाट का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण, पार्किंग, सुंदरीकरण और सत्संग सभागार की स्थापना करेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

जब संतों का मार्गदर्शन मिलता है तो सब अच्छा ही अच्छा होता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अच्छी सरकार आती है और संतों का मार्गदर्शन मिलता है तो अच्छा ही अच्छा होता है। अच्छा करने के लिए सोच होनी चाहिए। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश को संविधान दिया, लेकिन जो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था, पिछली सरकारों ने वह नहीं दिया।

पहली बार बाबा साहेब के नाम पर पीएम मोदी ने पंचतीर्थों का निर्माण किया। सरकारें बहुत आईं, लेकिन बाबा साहेब के गौरव और गरिमा के अनुरूप उनके सांस्कृतिक केंद्र व उनकी स्मृतियों को बढ़ाने का कार्य केवल डबल इंजन सरकार ने किया। 26 नवंबर 1949 से 2015 तक किसी सरकार ने बाबा साहेब के नाम पर समारोह नहीं किया, लेकिन पीएम मोदी ने 26 नवंबर को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की स्मृति में संविधान दिवस के रूप में मनाने का कार्य किया।

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