लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग की वार्षिक श्रृंखला क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद अनुमान जारी कर दिए गए हैं। इसके अनुसार, प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में 13. 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें जिला स्तर के घरेलू उत्पाद के आंकड़े शामिल हैं। हर जिला अपनी क्षेत्रीय विशेषताओं के अनुरूप उपलब्ध संसाधनों, सरकारी नीतियों, भागीदारी और नवाचार के साथ योगदान दे रहे हैं।
सोमवार इसकी जानकारी देते हुए निदेशक अर्थ एवं संख्या मालोविका घोषाल ने बताया कि 2023-24 में प्रदेश की GSDP में 13.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए 25.63 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी है। वहीं, जिला घरेलू उत्पाद अनुमान (DDP) भी बढ़ा है। यह अहम आर्थिक संकेतक है। यह न केवल राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, इससे यह भी पता चलता है कि कौन सा जिला आर्थिक विकास में अग्रणी है। और किन-किन क्षेत्रों में संभावनाएं विद्यमान हैं।
2023-24 के DDP अनुमान के आंकड़ों के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर 2.64 लाख करोड़ रुपये के साथ प्रदेश में शीर्ष पर है। इसके बाद लखनऊ 1.42 लाख करोड़ रुपये के साथ लखनऊ और 1.17 लाख करोड़ रुपये के साथ गाजियाबाद तीसरे नंबर पर है। अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों वृद्धि दर सकारात्मक रही है। 43 जिलों में तो यह प्रादेशिक वृद्धि दर से अधिक है।
प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी
राज्य की प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। गौतम बुद्ध नगर में 10.17 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। यह राष्ट्रीय औसत 1.84 लाख लाख रुपये से कहीं अधिक है। वहीं, लखनऊ और गाजियाबाद सरीखे जिले भी 2 लाख रुपये से अधिक की प्रति व्यक्ति आय दर्ज कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 15 जनपदों की प्रति व्यक्ति आय एक लाख रुपये से अधिक है। 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय में शीर्ष 10 जनपद गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, हमीरपुर, सोनभद्र, मेरठ, एटा, कानपुर नगर, आगरा एवं झांसी हैं।
ODOP का भी दिख रहा असर
यूपी का हर जिला अपनी आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं के लिए जाना जाता है। पश्चिमी यूपी के जिलों में तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हो रहा है। वहीं, पूर्वी और बुंदेलखंड में पारंपरिक कृषि, हस्तशिल्प और ग्रामीण उद्योग खास हैं। अब आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) योजना, डिफेंस कॉरिडोर, ग्रामीण डिजिटलकरण, स्टार्टअप इंडिया तथा स्वरोजगार जैसे अभियानों ने हर जिले की स्थानीय ताकतों को आर्थिक विकास की धारा में बदल दिया है। इन योजनाओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा हुआ है। वहीं, निवेश और बुनियादी ढांचे का भी विस्तार हुआ है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले शीर्ष दस जनपद
गौतमबुद्धनगर: 10.30 प्रतिशत
लखनऊ: 5.53 प्रतिशत
गाजियाबाद: 4.57 प्रतिशत
आगरा: 3.03 प्रतिशत
कानपुर नगर: 3.00 प्रतिशत
प्रयागराज: 2.90 प्रतिशत
मेरठ: 2.43 प्रतिशत
बरेली: 2.23 प्रतिशत
गोरखपुर: 2.02 प्रतिशत
वाराणसी: 1.99 प्रतिशत
(नोट: प्रदेश के कुल जीडीपी में दस जिलों का योगदान 38.00 प्रतिशत है।)
सर्वाधिक बढ़ोत्तरी वाले टॉप 10 जनपद
महोबा: 23.49 प्रतिशत
चित्रकूट: 23.40 प्रतिशत
बांदा: 21.22 प्रतिशत
कासगंज: 21.20 प्रतिशत
मैनपुरी: 20.47 प्रतिशत
जालौन: 20.10 प्रतिशत
बदायूं: 19.93 प्रतिशत
हमीरपुर: 19.20 प्रतिशत
सुल्तानपुर: 18.93 प्रतिशत
अमेठी: 18.77 प्रतिशत