गया में बनने वाले औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण जल्द होगा शुरू

बीते दिनों मुख्य सचिव स्तर पर गया में प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोर की समीक्षा बैठक में कई अहम बातें सामने आई हैं। इसके निर्माण के लिए जुलाई में कंपनी चयन करने का टेंडर होगा। यह प्रोजेक्ट अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। इसकी लागत करीब 1,339 करोड़ रुपये आएगी। वहीं, इसमें 16,524 करोड़ के निवेश की संभावना है।

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पटना: गया में प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोर की समीक्षा के लिए बीते दिनों मुख्य सचिव स्तर की बैठक हुई। इसमें विस्तार से अभी तक की प्रगति पर चर्चा हुई। बताया गया कि कॉरिडोर के निर्माण के लिए जुलाई में कंपनी चयन करने का टेंडर होगा। इसके आबंटन के बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। करीब 1339 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कॉरिडोर में 16,524 करोड़ रुपये निवेश की संभावना है।

दरअसल, गया के पास डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र का विकास होना है। इसके लिए इलाके में 1,670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो गया है। अब निर्माण प्रक्रिया शुरू होनी है। इसके लिए अगले महीने टेंडर होगा। जमीनी स्तर पर काम पूरा होने से इलाके के विकास को पंख लग जाएंगे।

अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर (एकेआईसी) प्रोजेक्ट के तहत गया में समेकित विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर कुछ दिन पहले मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के स्तर पर एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें फैसला लिया गया कि इसका निर्माण पूरा करने के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में संबंधित कंपनी या एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। सभी मानकों पर खरा उतरने वाली एजेंसी का चयन इस काम के लिए चयन होगा।

राष्ट्रीय स्तर का यह प्रोजेक्ट 5 राज्यों से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के तहत ही आईएमसी गया तैयार हो रहा है। इसमें एग्रो एवं खाद्य प्रसंस्करण, रेडीमेड गारमेंट और टेक्निकल इंडस्ट्री (ऑटो पार्ट्स, स्टील आधारित उत्पाद, एयरोस्पेस एवं डिफेंस, भवन सामग्री, फर्नीचर एवं हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट) से जुड़े उद्योगों को यहां विकसित कराए जाने की योजना है।

पैदा होंगे एक लाख से ज्यादा रोजगार के नए अवसर
आईएमसी गया को राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके तैयार होने के बाद एक लाख से ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावना है। इसकी लागत 1,339 करोड़ रुपये है। इसके लिए 1670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने पर 462 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके विकसित हो जाने के बाद यहां 16,524 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।

स्टेट ऑफ आर्ट की तर्ज पर विकसित की योजना
औद्योगिक क्षेत्र को स्टेट ऑफ आर्ट के तौर पर विकसित करने की योजना है। यहां औद्योगिक इकाइयों को प्लग एंड प्ले की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा सड़क, बिजली, पानी समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को विकसित होंगी। गया के डोभी प्रखंड के पास चिन्हित इस स्थान को एनएच-19 (जीटी रोड) से जोड़ने के लिए एक विशेष सड़क प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे सड़क स्वर्ण चतुर्भुज सड़क योजना से सीधे तौर पर जुड़ जाएगी। इस सड़क के निर्माण को लेकर 16 मई को हुई राज्य मंत्रिमंडल समूह की बैठक में 142 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी।

अब तक यह हुआ इसमें
गया यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। यहां इस योजना के शुरू होने से इसे एक नई पहचान मिलेगी। इस प्रोजेक्ट को समुचित तरीके से विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष छह मार्च को स्टांप ड्यूटी में छूट की घोषणा की। 18 मार्च को पर्यावरणीय क्लीयरेंस प्रदान की गई। प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने के लिए एक कंपनी का चयन कर लिया गया है।

यह होगा इससे फायदा
इसके तैयार हो जाने से बिहार राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक कॉरिडोर के फलक पर मजबूती से उभरेगा। पूर्व के बाजार से जुड़ जाएगा। साथ ही पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के अलावा नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के बाजार से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा।

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