नई दिल्ली: बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी करके पीएम नरेंद्र मोदी के खेल विजन को आगे बढ़ाया है। अमूमन यह कहते सुना जाता है कि बिहार का कुछ नहीं हो सकता। यह बात अब बीते वक्त की हो गई है। पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स की सफल मेजबानी तो हुई ही साथ ही 2025 की पदक तालिका में बिहार ने कुल 36 पदक हासिल किया। इसमें 7 स्वर्ण, 11 रजत और 18 कांस्य पदक जीतकर 14वां स्थान पर रहा। माना जा रहा है कि खेल इतिहास की सबसे बड़ी छलांग है। बिहार ने यह जता दिया है कि थोड़ी सुविधा और अवसर मिले, तो वह अंतरिक्ष में भी उड़ान भरने में पीछे नहीं रहेगा। 2018 में जब खेलो इंडिया की गई तो बिहार के खाते में सिर्फ एक कांस्य आया था, 2019 में यह संख्या बढ़कर 5 जिसमें एक रजत और चार कांस्य पदक ही मिले थे। 2020 में पहली बार खेलों इंडिया में बिहार ने एक स्वर्ण पदक हासिल किया। कोविड-19 के कहर वाले दौर में दो पदकों तक सिमटा बिहार जो 2022 में रंग लाने लगा। 2023 की बात करें तो बिहार के खाते में सिर्फ पांच पदक मिला लेकिन दो स्वर्ण मिलने पर रैंकिंग 21वें स्थान तक पहुंची और अब 2025 में बड़ी छलांग लगाते हुए 14वें स्थान पर पहुंच गया है।

बिहार ने जिन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते इनमें मणिपुर की पारंपरिक मार्शल आर्ट थांगटा में दो, रग्बी में दो, एथलेटिक्स में दो और सेपक टाकरा में एक पदक शामिल है। बकौल केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 2036 ओलंपिक के लिए चैंपियन तैयार करने के उद्देश्य से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की खोज करने और उन्हें निखारने की आवश्यकता है। 27 पदक खेलों का आयोजन पांच शहरों पटना, राजगीर, भागलपुर, गया, बेगूसराय और नई दिल्ली में किया गया। इस सफलता का पूरे देश में जश्न मनाया गया। खेल बिहार की छवि बदलने का एक अवसर है, क्योंकि यह राज्य बड़े आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है। विकसित बिहार, विकसित भारत का हिस्सा है और अब बिहार की हर खेल प्रतिभा को एक मंच और अपना कौशल दिखाने का अवसर मिला है। 2026 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिभा का समुचित विकास महत्वपूर्ण है, जिसकी मेजबानी भारत करना चाहता है। बिहार में खेलों के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं और प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि यही समय है और सही समय है। भविष्य में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, दीव में तटीय खेल, दक्षिण भारत में खेलो इंडिया स्वदेशी गेम्स और छत्तीसगढ़ में जनजातीय गेम्स आयोजित किए जाएंगे।
बिहार की दो बेटियों ने रखा इतिहास
बिहार की खुशी यादव और अलका सिंह ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में स्वर्ण पदक जीते। उनकी सफलता ने राज्य का मान बढ़ाया ही साथ ही अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए भी नई राह खोली है। खुशी यादव ने यूथ गेम्स 2025 में 2000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक हासिल किया। उनकी फुर्ती और स्टैमिना ने उन्हें प्रतियोगिता की स्टार बनाया। अलका सिंह ने यूथ गेम्स में एथलेटिक्स में शॉट पुट में स्वर्ण पदक जीतने वाली बिहार की पहली एथलीट बन गई है। बिहार के सीवान जिले की रहने वाली हैं।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के बारे में समझे
खेलो इंडिया युवा खेल, खेलो इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे 14 अक्तूबर 2017 को शुरू किया गया था। खेलो इंडिया का उद्देश्य खेलों में व्यापक भागीदारी और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करना है। इस कार्यक्रम ने भारत की खेल सफलता में योगदान दिया है। खेलो इंडिया के कई एथलीटों ने ओलंपिक और एशियाई खेलों सहित वैश्विक आयोजनों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। पहली बार ई-स्पोर्ट्स को प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल किया गया था