पटना: सीएम नीतीश कुमार की सुशासन कार्यशैली बदलती नजर आ रही है। कभी अपराधियों को जेल की हवा खिलाने वाले नीतीश कुमार अब नाबालिग से दुराचार के दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे राजद के पूर्व विधायक को पैरोल दिया है। राज बल्लभ 15 दिनों के लिए जेल से बाहर आए हैं। जेल प्रशासन ने उनको अपनी संपत्ति के बंटवारे के साथ मां और खुद के इलाज के लिए रिहा किया है।
इससे पहले राजबल्लभ यादव को उनकी मां के इलाज के लिए 6 अगस्त 2023 को 15 दिनों की पैरोल दी गई थी। बिहार सरकार ने एक बार मां के इलाज को आधार बनाया है। सरकार ने पैरोल देने के साथ कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। राज बल्लभ यादव पटना और नवादा जिले में स्थित अपने घर में रहेंगे। इस दौरान वह मां के साथ का अपना इलाज करा सकते हैं। वहीं, संपत्ति का बंटवारा भी वह कर सकेंगे। इसके अलावा अगर राजबल्लभ यादव कोई राजनीतिक या सामाजिक कार्य करते हैं, तो उनकी पैरोल रद्द हो जाएगी।
मामला लड़की से दुष्कर्म का
मामला 2016 का है। उस वक्त राजबल्लभ यादव पर 15 साल की एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उस वक्त भी बिहार में जेडीयू-राजद की साझा सरकार थी। तब राजबल्लभ के खिलाफ मामला काफी दिनों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। बाद में विवाद होने से राज बल्लभ पर कार्रवाई हुई। लेकिन बिहार पुलिस उनको पकड़ नहीं पायी थी। राज बल्लभ ने खुद सरेंडर किया था। इसके बाद कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
पत्नी विभा देवी राजद से विधायक
राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी अभी नवादा से राजद की विधायक हैं। करीब दो साल पहले अपना चेकअप कराने के नाम पर राजबल्लभ यादव जेल से पटना के आईजीआईएमएस आया था। वहां उसने अपनी विधायक पत्नी के साथ बाकायदा जनता दरबार लगाया। ऐसे में इस बार पैरोल सशर्त कितना पालन होगा देखने की बात होगी।

2024 में लालू परिवार से रिश्ते हुए खराब
2024 लोकसभा चुनाव के बाद राजद और लालू परिवार के रिश्ते राजबल्लभ यादव और उनके परिवार के साथ खराब हो गए। राज बल्लभ यादव राजद के पूर्व विधायक हैं। वह लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में राजबल्लभ यादव के भाई ने राजद से बगावत कर दी। वह निर्दलीय चुनाव लड़े। इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इसमें बीजेपी ने जीत हासिल की। नवादा में राजद की हार का ठीकरा राज बल्लभ यादव और उनके परिवार पर फोड़ा गया। तेजस्वी यादव ने परोक्ष रूप से राज बल्लभ पर इशारा करते हुए चुनावी रैली के दौरान और चुनाव के बाद भी एक्शन लेने की बात कही थी।
विधान सभा चुनाव से जोड़कर देखी जा रही पेरोल
राजनीतिक पंडित राज बल्लभ यादव के पैरोल को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़ रहे हैं। राज बल्लभ का आगे राजद में वापसी पर जोर रहेगा। अगर राजद तैयार नहीं हुई तो राज बल्लभ निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी में जाने की तैयारी करेंगे। इस बार वह अपनी पत्नी और भाई दोनों को चुनाव मैदान में उतारने के मूड में हैं।