नई दिल्ली: हर साल की तरह इस बार भी पारा रिकॉर्ड तोड़ने की तरफ बढ़ रहा है। बिहार में गर्मी झुलसाने लगी है। इसका पहला और बड़ा असर मजदूरों और कामकाजी महिलाओं पर पड़ता है। गर्मी से काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। इससे इस तबके को आर्थिक कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है।
बिहार में एक संस्था ने अपनी योजना से इसका समाधान ढूढ़ा है। इसे बिहार में पारा 40 के पार होते ही महिलाओं के खाते में 300 रुपये आ जायेंगे। योजना फिलवक्त पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया और सीवान में शुरू की गई है। इसे एक तरह से इंश्योरेंस के तौर पर देखा जा रहा है।
इसमें हर महीने 40 डिग्री से ऊपर तापमान वाले दिनों की गणना कर महिलाओं के खाते में प्रतिदिन 300 रुपये के हिसाब से राशि डाली जाएगी। ट्रेड यूनियन खुद ही मौसम विभाग या अन्य आंकड़ों के आधार पर अधिकतम तापमान की गणना कर महिलाओं के खाते में राशि डाल देगा। मतलब जिस-जिस दिन तापमान ज्यादा रहेगा, उस दिन के हिसाब से महिलाओं के खाते में पैसा आएगा।
दरअसल, यह योजना बिहार की उन महिला श्रमिकों के लिए शुरू की गई है, जिन्हें पेट पालने के लिए मजबूरी में भीषण गर्मी में भी घर से बाहर निकलना पड़ता है। उनके सामने अक्सर चुनौती बनी रहती है कि सूर्य की आग देखें या पेट की आग बुझाने का इंतजाम करें। इस तरह की परेशानी को देखते हुए इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है।

कमाई पर नहीं पड़ेगा असर
योजना एक तरह से हीट वेब इंश्योरेंस है। इसके तहत गर्मी में श्रमिकों की कमाई घटने से उनके जीवन पर पड़ने वाले असर को रोकने की कोशिश की जा रही है। इस बीमा की अवधि अप्रैल से सितंबर तक होगी। गुजरात के Self Employed Women Association (SEWA) ने इस योजना की पहल की है। संगठन ने पहले साल बिहार की डेढ़ लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। बाद में इसे प्रदेश के बाकी जिलों में भी बढ़ाया जाएगा। माना जा रहा है कि यह योजना पूरे बिहार राज्य में भी लागू हो सकती है।
इस तरह मिलेगा फायदा
SEWA की सदस्यता लेने के बाद ही आपको हीट वेव इंश्योरेंस के तहत 300 रुपये का लाभ मिलेगा। सदस्यता लेने के बाद आपको बीमा के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान आधार कार्ड के साथ 300 रुपये का शुल्क देना होगा। शुल्क के रूप में अदा की गई 300 रुपये की राशि एक महीने बाद 100 रुपए इंसेंटिव के साथ 400 रुपए के रूप में वापस की जाएगी।
SEWA संगठन
गांधीवादी इला भट्ट ने 1972 में असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए सेल्फ-एप्लाइड वूमेन एसोसिएशन-सेवा नामक एक श्रमिक संगठन की शुरुआत की थी। फिलहाल इस संगठन से देशभर में 30 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं।