भारतीय रेलवे का हावड़ा मंडल वर्ष 2025 में अपनी शताब्दी वर्ष मनाएगा, यह न केवल परिवहन इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि खेल उत्कृष्टता की विरासत का भी उत्सव है। पिछली शताब्दी में मंडल ने भारत के कुछ बेहतरीन एथलीटों को तैयार करने में भूमिका निभाई है, जिनकी उपलब्धियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। खेलों के प्रति यह स्थायी प्रतिबद्धता राष्ट्र के लिए हावड़ा मंडल के बहुमुखी योगदान को रेखांकित करती है।
चैंपियंस के लिए एक मंच
हावड़ा रेलवे मंडल लंबे समय से खेल प्रतिभाओं के लिए एक पोषण स्थल रहा है, जो एक अनूठा मंच खिलाड़ियों को देता है। जहां कर्मचारी अपने पेशेवर भविष्य के साथ-साथ अपनी एथलेटिक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाते है। इस मंडल के एथलीटों ने एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, ब्रिज, टेनिस और टेबल टेनिस सहित विभिन्न खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन होता है। उनके समर्पण और कौशल ने न केवल रेल मंडल को गौरव दिलाया है, बल्कि ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेल के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की खेल उपलब्धियों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अर्जुन पुरस्कार विजेता और ओलम्पियन
हावड़ा मंडल को अपने उन खिलाड़ियों पर गर्व है जिन्हें भारत में खेलों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में बिस्वजीत पालित (कबड्डी), राहुल बनर्जी (तीरंदाजी) और मंगल सिंह चाम्पिया (तीरंदाजी) शामिल हैं, जिन्होंने अपने-अपने खेलों में असाधारण उपलब्धियों के माध्यम से मंडल को पहचान दिलाई है। इसके अलावा कई एथलीटों ने ऑलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किए है, जो उनके कौशल और समर्पण का प्रमाण है। इन ओलम्पियनों में संजय राय (एथलेटिक्स), दिवाकर प्रसाद (मुक्केबाजी), राहुल बनर्जी (तीरंदाजी), मंगल सिंह चाम्पिया (तीरंदाजी) और भावना जाट (एथलेटिक्स) शामिल हैं, जिन्होंने विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
रेल कर्मियों का अंतर्राष्ट्रीय योगदान
हावड़ा मंडल ने भारतीय क्रिकेट में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिसमें शुभालक्ष्मी शर्मा और प्रियंका रॉय जैसे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। एशियाई खेलों 2022 में पूनम चतुर्वेदी और मधु कुमारी भारतीय बास्केटबॉल टीम की सदस्य थीं, वहीं मोहमाया चौधरी ने भारतीय वॉलीबॉल टीम को कोचिंग दी। इसके अलावा, मम्पी दास (राइफल शूटिंग), सायंतन कुशारी (ब्रिज), सिद्धांत महापात्र (शतरंज) और हरि शंकर रॉय (एथलेटिक्स) ने अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं, जिससे खेल प्रतिभाओं के पावर हाउस के रूप में मंडल की प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है।
भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना
हावड़ा मंडल अपनी सेवा के 100 साल पूरे होने का उत्सव मना रहा है, खेलों के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता महत्वाकांक्षी एथलीटों को प्रेरित करती रहती है। पेशेवर जिम्मेदारियों और खेल महत्वाकांक्षाओं के बीच संतुलन बनाने वाली संस्कृति को बढ़ावा देकर, मंडल ने देश भर के संस्थानों के लिए एक मिसाल कायम की है। यह विरासत आने वाली पीढ़ियों तक बनी रहे इसके लिए रेलवे पूरा जोर लगाता रहेगा।