नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (एनएडीए) ने युवा कार्य और खेल मंत्रालय के सहयोग से 12-16 मई के बीच नई दिल्ली में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) खुफिया और जांच कार्यशाला की मेजबानी की। वाडा के तत्वावधान और इंटरपोल और स्पोर्ट इंटीग्रिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत, इंडोनेशिया, मालदीव, श्रीलंका, फिलीपींस के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठनों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों और दक्षिण एशिया क्षेत्रीय डोपिंग रोधी संगठन के अधिकारियों ने भाग लिया। इसने जानकारी साझा करने, सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक डोपिंग रोधी प्रणाली को बढ़ाने के लिए दुनिया भर के खुफिया और जांच विशेषज्ञों को एक साथ लाया।
पांच दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने खुफिया कार्यों और जांच तकनीकों, गोपनीय स्रोत प्रबंधन, ओपन-सोर्स अनुसंधान और विश्लेषणात्मक और साक्षात्कार विधियों पर व्यापक सत्रों में भाग लिया। सत्रों के दौरान एथलीटों की सुरक्षा और खेल की अखंडता को बनाए रखने के लिए सक्रिय और समन्वित दृष्टिकोण के महत्व के बारे में बताया गया ।
नाडा इंडिया के महानिदेशक अनंत कुमार ने कहा की नाडा इंडिया को इस सप्ताह की कार्यशाला के लिए वाडा, इंटरपोल, स्पोर्ट इंटीग्रिटी ऑस्ट्रेलिया और एशियाई क्षेत्र के हमारे समकक्षों की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी और बनाए गए संबंध क्षेत्र में खुफिया और जांच क्षमता और क्षमता निर्माण में एक लंबा रास्ता तय करेंगे। वहीं, वाडा में खुफिया और जांच के निदेशक गुंटर यंगर ने एशिया और ओशिनिया में खुफिया, जांच क्षमता और क्षमता निर्माण परियोजना के अंतर्गत कार्यशाला को भारत में आयोजित करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह इस क्षेत्र में अब तक की गई प्रगति से प्रसन्न हैं।
NADA India is proud to host the WADA Intelligence & Investigations Workshop from 12–16 May 2025 in New Delhi. The workshop commenced today with participation from international and national stakeholders, aiming to strengthen global cooperation and capacity building in anti-doping… pic.twitter.com/6urCQfoFQF
— NADA India (@NADAIndiaOffice) May 12, 2025
बता दें कि यह कार्यशाला वाडा के वैश्विक एंटी-डोपिंग इंटेलिजेंस और जांच नेटवर्क को मजबूत करने पर केंद्रित प्रमुख पहल क्षमता व क्षमता निर्माण परियोजना का हिस्सा थी। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना और दुनिया भर में एंटी-डोपिंग प्रयासों की समग्र प्रभावशीलता में सुधार करना था। इस पहल को जारी रखते हुए जुलाई 2025 में भारत में दूसरी कार्यशाला आयोजित की जाएगी।