गया: औषधीय गुणों वाले और पुष्पीय पौधों के साथ छायादार-फलदार वृक्षों की 1,100 प्रजातियों की एक जगह पर मौजूदगी के साथ डोभी की बुद्ध वाटिका में जैव विविधता की शानदार तस्वीर उभरी है। जैव विविधता दिवस पर बृहस्पतिवार, 22 मई बाराचट्टी के रेंजर शशिभूषण चौहान ने इसकी जानकारी दी।
शशि भूषण चौहान के मुताबिक, बिहार में अपनी तरह का पहला जैव विविधता सबसे बड़ा है। आम पर्यटकों के साथ वनस्पति शास्त्र की पढ़ाई करने वाले कॉलेज व विश्वविद्यालय के बच्चों की अनूठी प्रयोगशाला बना है। जैव विविधता के प्रति जानकारी और सजगता बढ़ाने के लिए यह कारगर है। जैव विविधता दिवस मनाने का यही मकसद भी है।
63 एकड़ में फैला डोभी का बायो डाइवर्सिटी पार्क
डोभी के पिपरघट्टी के निकट जीटी रोड के किनारे 63.86 एकड़ क्षेत्र में फैले इस जैव विविधता पार्क को बुद्ध सर्किट के मार्ग पर स्थित होने के कारण बुद्ध वाटिका भी कहा जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 सितंबर 2016 को इस पार्क का उद्घाटन किया था। स्थानीय फॉरेस्टर सूरज प्रकाश बताते हैं कि पार्क में स्वर्ग के पौधे के रूप में चिन्हित मनोकामना वृक्ष को देखने बहुत लोग आते हैं। लोटस गार्डन, ओपन जिम और खेल मैदान के अलावा जलाशय भी पार्क के आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा इंद्रधनुष उद्यान, औषधीय उद्यान, पोषण उद्यान, बांस वाटिका, खैर वन और प्लास कुंज भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। पार्क में छोटे-बड़े 12 हजार से ज्यादा पौधे हैं।

ग्रीन हाउस की स्थापना है प्रस्तावित
इसके अलावा डोभी पार्क को सुंदर और उपयोगी बनाने के लिए निकट भविष्य में कार्यान्वित किए जाने के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित भी हैं। वन अधिकारियों के मुताबिक प्रकृति व्याख्या केंद्र, प्रशासनिक भवन, मुख्य वनस्पति उद्यान, कैक्टस उद्यान, वनस्पति संग्रह एवं ग्रीन हाउस की स्थापना शीघ्र होने वाली है।
क्या कहते हैं वनस्पति शास्त्र के विद्वान
वनस्पति शास्त्र विषय के विद्वान और शेरघाटी के एसएमएसजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.नरेंद्र कुमार कहते हैं कि वनस्पति शास्त्र विषय की पढ़ाई करने वाले कॉलेज-युनिवर्सिटी के छात्रों के लिए जैव विविधता पार्क में मौजूद पौधे बहुत उपयोगी हैं। इस पार्क में रुद्राक्ष और सिंदूर के पौधे भी उपलब्ध हैं। मगध विश्वविद्यालय और आस पास के कॉलेजों से अक्सर वनस्पति शास्त्र विषय के छात्र और शोधार्थी इस पार्क में अध्ययन के लिए पहुंचते रहे हैं।