पुराने अंदाज में लौटे तेजप्रताप, अपनी पार्टी को फिर से किया सक्रिय, राजद की बढ़ी चिंता

पार्टी-परिवार से बेदखल किये गए पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव पुराने अंदाज में दिख रहे हैं। अपने सरकारी आवास में जनता से हर दिन मिलना और उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करना इस बात का संकेत है कि वह दूर की सोच कर चल रहे हैं। तेजप्रताप यादव की गतिविधियों को टटोलती पटना से राहुल प्रताप सिंह की रिपोर्ट...

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पटना: पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव के निजी जीवन में इस वक्त भारी उथल-पुथल है। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर अपने निजी रिश्तों से जुड़ी एक पोस्ट शेयर करने के बाद उनको पार्टी व परिवार से निकालने का फैसला उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने लिया था। इसके बाद तेज प्रताप यादव ने खुद को सार्वजनिक जीवन से कुछ दिन के लिए अलग कर लिया था। वह कहीं नजर नहीं आ रहे थे। लेकिन अब वह फिर से पुराने अंदाज में दिख रहे हैं।
तेजप्रताप यादव की वापसी को जानकार सियासी नजर से देख रहे हैं। खासतौर से आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनकी सक्रियता मायने रखती है। वह इस वक्त हसनपुरा विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मिल रहे हैं। और उनकी समस्याओं का ऑन-स्पॉट समाधान देने की कोशिश भी करते है। हसनपुरा विधान सभा से ही वह इस वक्त विधायक हैं।

DSS को फिर से किया सक्रिय
तेजप्रताप यादव ने कुछ वर्ष पहले एक पार्टी बनाई थी। इसका नाम रखा था धर्म निरपेक्ष सेवा संघ (DSS)। माना जाता है कि उन्होंने अपनी पार्टी का नाम RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के तर्ज पर रखा था। हालांकि, बीते कुछ वर्षो से इस दल की सक्रियता न के बराबर थी। लेकिन तेज प्रताप यादव ने 29 जून, रविवार DSS के सदस्यों के साथ बैठक की। इसमें आने वाले विधानसभा को लेकर हुई। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर बैठक की जानकारी देते हुए लिखा; आज 29 जून को मेरे पटना स्थित आवास पर धर्म निरपेक्ष सेवक संघ (DSS) की एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सभी जिलों से आये हुए जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव व संगठन से जुड़े हुए अन्य साथियों ने भी भाग लिया। DSS के स्थापना का सिर्फ एक उद्देश्य है, सभी धर्म-जाति को भूलकर लोग एक साथ मिलकर रहे और अपने जीवन मे आगे बढ़ें।

निर्दलीय हो सकते हैं उम्मीदवार, राजद की बढ़ेगी चिंता
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार के राजनीति में चर्चा यह भी हो रही है कि पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव कहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी तो नहीं न कर रहे है। इसकी चर्चा इसलिए हो रही है कि तेजप्रताप यादव को राजद से छः वर्षो के लिए निकाला गया है। ऐसे में राजद से टिकट मिलनी की उम्मीद कम है।

कुछ दिन पहले जब सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वीडियो कॉल आया था तो अखिलेश द्वारा चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया, तो तेजप्रताप यादव ने कहा था चुनाव तो लड़ेंगे ही, पर कहां और किस पार्टी के सिंबल से लड़ेंगे, ये जानकारी नहीं दी। अगर तेजप्रताप यादव निर्दलीय 2025 के चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो ये राजद के लिए चिंताजनक हो सकती है। क्योंकि राजद का एक तबका तेजप्रताप यादव अपना नेता मानता है। बिहार की कई विधानसभा में तेजप्रताप यादव जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं और उन्हें अपना नेता मानते हैं।

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