नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर विधान सभा सत्र के दौरान मोबाइल पर ‘जंगली रमी’ खेलने का आरोप लगा। उनका यह वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। यह आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने लगाया है, जिन्होंने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला…
रोहित पवार का हमला: कभी किसानों की हालत भी देख लीजिए
रोहित पवार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि जंगली रमी पे आओ ना महाराज…! साथ ही, सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब राज्य में रोज औसतन आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तब कृषि मंत्री को मोबाइल पर गेम खेलने की फुर्सत कैसे मिल रही है? पवार का आरोप है कि मंत्री किसानों की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील रवैया अपना रहे हैं।
कृषि संकट के बीच मंत्री का ऐसा रवैया?
विधायक पवार ने यह भी कहा कि राज्य में फसल बीमा, कर्जमाफी और समर्थन मूल्य जैसे कई गंभीर मुद्दे लंबित हैं, और ऐसे में कृषि मंत्री का इस तरह का व्यवहार सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी तंज कसा, “कभी किसानों की खेती पर भी ध्यान दीजिए महाराज!”
विपक्ष का तीखा प्रहार
इस खुलासे के बाद विपक्षी दलों ने सत्ताधारी एनसीपी (अजित पवार गुट) और बीजेपी गठबंधन को आड़े हाथों लिया है। विपक्ष का कहना है कि जब राज्य का अन्नदाता संकट में है, तब मंत्री का यह व्यवहार उनकी उदासीनता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। विपक्ष ने यह मांग की है कि माणिकराव कोकाटे इस पूरे मामले पर माफी मांगें और सरकार तुरंत किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से काम करें।
सरकार की चुप्पी पर भी उठ रहे सवाल
फिलहाल न तो कृषि मंत्री कोकाटे की तरफ से और न ही सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले विधानसभा सत्रों में विपक्ष का एक बड़ा हथियार बन सकता है।
इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है और एक बार फिर किसानों की बदहाल स्थिति को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया है।