नीतीश के गांव जा धमके प्रशांत, नहीं मिली एंट्री

सत्ता संग्राम छिड़ने से पहले बिहार के सभी सियासी दिग्गज अपना चक्रव्यूह रच रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर पूरे लाव लश्कर के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा पहुंचे। लेकिन कल्याण बिगहा जाने की प्रशासनिक अनुमति न मिलने से वह वहां पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके। हालांकि, करीब एक घंटे के सियासी ड्रामे से प्रशांत किशोर से बढ़त हासिल करने की पूरी कोशिश की। नालंदा से कुमार सौरभ की रिपोर्ट.....

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नालंदा: जनसुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। उनकी कोशिश इस बार की विधान सभा में मजबूत मौजूदगी दिखाने की है। इसके लिए हर स्तर पर वह काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार प्रशांत किशोर का नया चुनावी स्टंट देखने को मिला। अपने पूरे लाव लश्कर के साथ उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा प्रवेश करने की कोशिश की।

तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार, जनसुराज ने नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में सभा करने की अनुमति प्रशासन से ली थी। लेकिन कल्याण बिगहा जाने की कोई पूर्व सूचना प्रशासन के पास नहीं थी। इसका कोई लिखित आवेदन भी पार्टी ने प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं दिया था। प्रशांत किशोर बखूबी जानते हैं कि किसी प्रकार के कार्यक्रम को लेकर पूर्व से प्रशासनिक अनुमति लेनी होती है। बावजूद इसके उन्होंने बिना अनुमति लाव लश्कर के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा पहुंचने की कोशिश की।

प्रशांत किशोर की टीम की तरफ से जारी वीडियो में भी साफ है कि प्रशांत किशोर के काफिला में सैंकड़ों गाड़ियां चल रही थीं। प्रशांत किशोर का अगर कल्याण बिगहा जाने का पूर्व से कार्यक्रम था, तो वैसी परिस्थिति में उन्होंने जिला प्रशासन से बगैर अनुमति लिए कार्यक्रम करने की कोशिश करने लगे। प्रशासन को जब इसकी सूचना मिली तो बिहार शरीफ के अनुमंडलाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी ने बगैर अनुमति कार्यक्रम करने के लिए कल्याण बिगहा प्रवेश करने से रोक दिया।

इस दौरान प्रशांत किशोर और अधिकारियों में जमकर नोंक-झोंक हुई। इसमें तू-तड़ाक की भाषा का भी प्रयोग हुआ। करीब एक घंटे के सियासी ड्रामे के बाद आखिर में प्रशांत किशोर को वापस होना पड़ा। फिर भी, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उनको जो माइलेज चाहिए था, काफी हद तक उसे लेने में वह कामयाब रहे।

बिहार शरीफ में की चुनावी सभा

इसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार शरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में चुनावी सभा की। इसमें उन्होंने बिहार में फैले कथित भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग में मोटी रकम वसूली का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार की खात्मे की अपील आम लोगों से की।

जनसुराज के साथ आरसीपी

कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीब रहे आरसीपी सिंह ने रविवार को अपनी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का विलय जनसुराज में कर लिया। अब वह खुद जनसुराज का एक हिस्सा बन गये। बदले सियासी समीकरण के बीच प्रशांत किशोर ने बिहार शरीफ की अपनी सभा में आरसीपी टैक्स के सवाल पर चुप्पी साधे रखी। मालूम हो कि नीतीश सरकार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरसीपी टैक्स को लेकर पहले सवाल उठाया था। उनका आरोप लगाया था कि अधिकारियों के तबादले में आरसीपी सिंह की तरफ से टैक्स की वसूली की जाती है। प्रशांत किशोर पहले इस पर काफी आक्रामक रुख अपनाए हुए थे।

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