पटना: पाटलिपुत्र लोकसभा के अंतर्गत आने वाली फुलवारीशरीफ विधानसभा सीट बिहार के पटना जिले का हिस्सा है। यहां अब तक कुल 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा चार बार राजद, तीन बार कांग्रेस, दो बार जदयू और एक बार माले प्रत्याशी विधायक चुने गए हैं।
यह सीट 1977 में अस्तित्व में आई। तब सबसे पहले जनता पार्टी के उम्मीदवार रहे रामप्रीत पासवान ने जीत का परचम लहराया था। फिर मैदान में कांग्रेस के नेता संजीव प्रसाद टोनी ने लगातार तीन बार यह सीट जीतकर कांग्रेस के झोली में डाली। उसके बाद 1995 जदयू ने इस सीट पर श्याम रजक के रूप में इस सीट कब्जा किया। पर सियासी उलटफेर के बाद जदयू के श्याम रजक राजद में शामिल हो गये उसके बाद उन्होंने वर्ष 2000 का चुनाव राजद के सिंबल से लड़ा और जीत दर्ज की।
2009 के उपचुनाव में राजद खेमे से निकलकर श्याम रजक ने फिर से जदयू में वापसी की। लेकिन उपचुनाव में श्याम रजक को राजद उम्मीदवार उदय कुमार ने पटखनी दी। 2010 में चुनाव में जदयू से श्याम रजक ने जीतकर फिर से क्षेत्र की कमान संभाली।
वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में यह सीट महागठबंधन के माले खेमे में गयी। उनका मुकाबला जदयू से था। इस चुनाव में माले उम्मीदवार गोपाल रविदास ने दूसरे नंबर पर रहे जदयू उम्मीदवार अरुण मांझी पटखनी दे दी।
2025 बिहार विधानसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवार
2025 बिहार विधानसभा चुनाव मे संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो सभी पार्टियों में गहमागहमी तेज है। एनडीए की तरफ से पिछले सात चुनाव में छः बार जीत दर्ज करने वाले श्याम रजक राजद छोड़कर जदयू में वापसी कर लिए हैं। आगामी चुनाव में इनकी जदयू से उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है। वहीं, उनकी ही पार्टी से 2020 के उम्मीदवार रहे अरुण मांझी ने भी कमर कस ली है। पार्टी का एक खेमा यहां से अरुण मांझी को उम्मीदवार बनाने पर जोर दे रहा है। दूसरी तरफ महागठबंधन से माले विधायक गोपाल रविदास की एक बार फिर उम्मीदवारी तय मानी जा रही है।
विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या
. कुल मतदाता: 3.51 लाख
. पुरुष वोटरः 1.86 लाख (53.12% )
. महिला वोटरः 1.64 लाख (46.72%)
. ट्रांसजेंडर वोटरः 11 (0.003%)
(नोट: आंकड़े 2020 चुनाव के हैं।)
जातीय समीकरण
फुलवारीशरीफ विधानसभा सीट सुरक्षित सीट है। यहां रविदास, पासवान के साथ ही यादव और मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस सीट पर अब तक सबसे ज्यादा मतदान 63.32 प्रतिशत साल 2000 में हुआ था, इस दौरान पुरुषों ने 73.7 और महिलाओं ने 50.95 प्रतिशत मतदान किया था।