कहा तेजस्वी ने, एलान कर डाला कांग्रेस ने

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस और राजद में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों दलों के बीच अजीब तरह का तनाव है। को​शिश एक-दूसरे से बढ़त हासिल करने की है। दोनों के खींचतान पर प्रकाश डालती सुजीत कुमार की रिपोर्ट....

Share This Article:

पटना: बिहार विधान सभा चुनाव से पहले महागठबंधन में आपसी तालमेल बेपटरी होता दिख रहा है। इसमें कांग्रेस का हर सियासी मूव सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल से दूरी बढ़ा है। अभी तक कांग्रेस और राजद अलग-अलग प्लेटफार्म पर खड़े नजर आ रहे हैं। दोनों दलों की घोषणाएं एक-दूसरे को पीछे धकेल रही हैं।

बुधवार एक बार फिर इसी तरह की तस्वीर सामने आई। कांग्रेस ने तेजस्वी की माई बहिन योजना को हाईजैक करते हुए एलान किया कि चुनाव जीतने के बाद वह हर माह महिलाओं को 2500 रुपये देगी। कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने बताया कि महागठबंधन की सरकार बनते ही बिहार में हमारी सरकार हर महीने 2500 रुपये देगी।

दिलचस्प यह कि अभी कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद ने माई ब​हिन मान योजना की बात कही थी। इसके लिए राजद की तरफ से कोई घोषणा अभी तक नहीं हुई है। इससे पहले ही अलका लांबा और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने ‘माई बहिन मान योजना’ कैंपेन की औपचारिक शुरुआत भी की। इसका विधिवत पोस्टर भी जारी किया गया।

अलका लांबा ने कहा कि बिहार में इसके लिए अ​भियान चलेगा। इसके तहत कांग्रेस राज्य की सभी महिलाओं से गारंटी फॉर्म भरवायेगी। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हर जरूरतमंद महिला के खाते में हर महीने 2500 रुपये की सम्मान राशि सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। हालांकि, कांग्रेस के तरफ से बताया गया है कि यह योजना महागठबंधन की है, लेकिन बैनर और पोस्टर पर सिर्फ कांग्रेस नेताओं की फोटो थी।

दलित सम्मेलन में भी आगे निकलने की को​शिश

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने तेजस्वी के प्लान में सेंधमारी की है। तेजस्वी और राजद की राजनीति दलित और पिछड़ों पर आधारित है। कांग्रेस ने इसमें भी सेंध लगाने की कोशिश की। राहुल गांधी ने बिहार दौरे में दलितों के हक की बात की। वह नालंदा में दलित सम्मेलन भी करने जा रहे हैं।

जातीय जनगणना में श्रेय की होड़

इससे पहले तेजस्वी हर मंच से बिहार मे हुए जातीय जनगणना करवाने का श्रेय लेते थे। इसी बीच राहुल गांधी ने बिहार में जातीय जनगणना को गलत बताया था। इससे तेजस्वी काफी असहज हो गए थे। कांग्रेस ने राजद से अलग होकर चुनाव लड़ने का भी टोटका आजमाया है। 2010 में यह फलदायी साबित हुआ। सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद उसे केवल चार सीटों पर सफलता मिली। अंतत: 2015 में वह राजद गठबंधन में शामिल हुई। उसे 27 सीटों पर सफलता मिली।

कांग्रेस नहीं दिख रही अभी मजबूत

बेशक कांग्रेस अलग-अलग स्तर पर अकेले काम कर रही है, लेकिन जमीन पर सियासी मजबूती नहीं दिख रही है। इसमें अपवाद कांग्रेस नेता कन्हैया के कार्यक्रम हैं। इनमें अच्छी तादाद में लोगों की मौजूदगी रहती है। इसके अलावा यह नहीं कहा जा सकता है कि कांग्रेस प्रदेश में इतनी मजबूत हो गई है कि वह अकेले चुनाव लड़े और इतनी सीटें जीत जाए। फिर भी, राजनीति संभावनों का खेल है। इसमें आ​खिर तक एक-दूसरे पर हावी होने की को​शिश राजनीतिक दल करते आए हैं।

Tags :

Suman

santshukla1976@gmail.com http://www.newgindia.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें

कैटेगरीज़

हम वह खबरची हैं, जो खबरों के साथ खबरों की भी खबर रखते हैं। हम NewG हैं, जहां खबर बिना शोरगुल के है। यहां news, without noise लिखी-कही जाती है। विचार हममें भरपूर है, लेकिन विचारधारा से कोई खास इत्तेफाक नहीं। बात हम वही करते हैं, जो सही है। जो सत्य से परामुख है, वह हमें स्वीकार नहीं। यही हमारा अनुशासन है, साधन और साध्य भी। अंगद पांव इसी पर जमा रखे हैं। डिगना एकदम भी गवारा नहीं। ब्रीफ में यही हमारा about us है।

©2025 NewG India. All rights reserved.

Contact Us  |  Privacy Policy  |  Terms of Use