पटना: मुजफ्फरपुर में नाबालिग लड़की की मौत की घटना का बिहार की सियासत पर असर दिखने लगा है। मामले से नाराज भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट रहे असित नाथ तिवारी ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कांग्रेस में शामिल होते ही असित नाथ तिवारी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
असित नाथ तिवारी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर कटाक्ष करते हुए कहते है, ‘मैं भावनाएं मारकर राजनीति नहीं कर सकता।’ तिवारी के मुताबिक, उन्होंने इस अमानवीय घटना के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई, लेकिन भाजपा प्रदेश ने उन पर पोस्ट डिलीट करने का दबाव बनाया। मुझसे कहा गया कि मैं अब पत्रकार नहीं, भाजपा नेता हूं। इसलिए ऐसे मामलों को नजरअंदाज करूं। लेकिन मेरे लिए इंसानियत पहले है। इसलिए मैंने पार्टी छोड़ दी।
असित नाथ तिवारी यही नहीं रुके। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल पर भी जुबानी हमला करते हुए तिवारी ने कहा, पार्टी ने दबाव बनाया तो डाॅ. जायसवाल ने 10 मिनट में अपनी पोस्ट हटा ली। लेकिन मैं दागो और भागो वाला आदमी नहीं हूं। मैं टिकता हूं। मुझे भी कहा गया डिलीट कीजिए। मैंने कहा, नहीं करूंगा। अंतत: मुझे भाजपा से इस्तीफा देना पड़ा।
फेसबुक पर दिया था इस्तीफा
असित नाथ तिवारी ने अपने इस्तीफे की सूचना सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर दी थी। अपनी पोस्ट में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, आपराधिक घटनाओं के पीड़ित आप जैसे वीआईपी लोग तो होते नहीं, आम आदमी की पीड़ा से आपका क्या लेना-देना? मैंने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल क्या उठा दिए आप बौखला गए? पीएमसीएच कैंपस में एंबुलेंस में रेप पीड़िता वो बच्ची तड़पती रही, जिसे बलात्कारी ने धारदार हथियार से कई जगहों पर फाड़ दिया था, उसे बेड नहीं मिला। इसके खिलाफ मैंने आवाज उठा दी तो आपको गुस्सा आ गया।
बीजेपी चाहती तो जान बच जाती
असित नाथ तिवारी का आरोप है कि भाजपा का एक सामान्य नेता भी पीएमसीएच में अगर फोन कर दिया होता तो उस बच्ची की जान बच सकती थी। तमाम नेता फेसबुक और व्हाट्सएप चलाने में व्यस्त थे, लेकिन किसी ने बच्ची की मदद नहीं की।