पटना। पटना साहिब विधानसभा की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक है। धर्म-अध्यात्म से भी गहरा नाता है। सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज का जन्मस्थल आध्यात्म के केंद्र में है। यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इस पवित्र स्थल के नाम पर बना पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र, बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
पटना साहिब विधानसभा 2008 के बाद अस्तित्व में आई। यह पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यहां पहला चुनाव 2010 में हुआ। पहले 1957 से 2008 तक यह पटना ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। 2008 परिसीमन के पहले और बाद मे यहां कुल 16 चुनाव हुए हैं। इनमें सात बार भाजपा, पांच बार कांग्रेस, दो बार जनसंघ और एक-एक बार जनता दल और जनता पार्टी जीती है।
100 प्रतिशत शहरी मतदाता
पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र एक सर्वोत्कृष्ट शहरी निर्वाचन क्षेत्र है। यहां 100 प्रतिशत शहरी मतदाता हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र अपने पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ के दिनों से ही भाजपा का गढ़ रहा है।
पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहला चुनाव 2010 में हुआ था। यहां भाजपा से प्रत्याशी नंद किशोर यादव ने सर्वाधिक 91,419 मत लाकर 65,337 वोट से जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी रहे परवेज अहमद थे।
2010 अब तक इनके सिर पर बंधा है जीत का सेहरा
• 2010 विधानसभा चुनाव – नंद किशोर यादव (भाजपा) कुल मत (91, 419)
-दूसरे नंबर पर-परवेज अहमद (कांग्रेस )
• 2015 विधानसभा चुनाव – नंद किशोर यादव (भाजपा) कुल मत (88,108)
दूसरे नंबर पर – संतोष मेहता (राजद)
• 2020 विधानसभा चुनाव – नंद किशोर यादव (भाजपा) कुल मत (97,692)
दूसरे नंबर पर – प्रवीन सिंह (कांग्रेस)
कभी पटना ईस्ट का रहा हिस्सा
1957 से 2008 तक पटना साहिब विधानसभा पटना ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। यह बिहार की राजधानी पटना का गृह निर्वाचन क्षेत्र भी है। यहां से भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने लगातार सात बार चुनाव दर्ज की है। चार बार पटना ईस्ट के प्रतिनिधि के रूप में और तीन बार पटना साहिब से विधायक रहे। यहां विधानसभा में नंद किशोर का काफी दबदबा है हालांकि, 2020 चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी रहे प्रवीण सिंह से टक्कर का मुकाबला हुआ था। नंद किशोर यादव 2025 चुनाव में जीत का सिसलीला जारी रखते है या नहीं इस पर निगाहें टिकी हुई है।
संभावित उम्मीदवार
पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र के संभावित उम्मीदवार की बात करें तों इस बार कई दिग्गज चेहरे की चर्चा हो रही है। इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उम्मीदवार हो सकते हैं। दूसरी तरफ वर्तमान विधायक नंद किशोर यादव ने भी अपने ग्रुह क्षेत्र में 2025 चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। क्षेत्र में चुनावी सक्रियता बढ़ गयी है। वहीं, जनसुराज से अर्पणा यादव भी सक्रिय है। पटना के पूर्व उपमाहापौर रहे संतोष मेहता, 2020 विधानसभा चुनाव में नंदकिशोर यादव को टक़्कर देने वाले प्रवीन सिंह कुशवाहा की भी 2025 चुनाव में फिर से उतरने की चर्चा है।
जातीय समीकरण
पटना साहिब विधानसभा पूरी तरह शहरी वोटरों से घिरा हुआ है। यहां 100 प्रतिशत शहरी वोटर है। जनसंघ काल से ही यहां आरएसएस का गढ़ माना जाता रहा है। फिर भी, जाति फैक्टर यहां काम करता है। इसमें वैश्य समाज का यहां दबदबा है। इस समाज के करीब 80 हजार के वोटर हैं। उसके बाद कोइरी, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। वहीं, यादव वोटर भी निर्णायक साबित होते रहे हैं। इस सीट पर पहली बार 1957 में हुए चुनाव में 40.57% मतदान हुआ था। 2015 में हुए चुनाव में यहां 55.04 % वोटिंग हुई थी।
कुल मतदाता
कुल मतदाता : 3.51 लाख
महिला वोटर- 1.67 लाख (47.5%)
पुरुष वोटर – 1.84 लाख (52.4%)
ट्रांसजेंडर वोटर – 17 (0.001%)
नोट: 2020 की वोटर लिस्ट के हिसाब से
आस्था और श्रद्धा का केंद्र पटना साहिब
पटना साहिब विधानसभा आस्था और श्रद्धा के रूप में देश-विदेश में विख्यात है। यहां तख्त श्री हरिमंदिर जी है, जो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म स्थान है। तख्त श्री हरिमंदिर जी सिखों के पांच प्रमुख तख्तों में दूसरा तख्त है। यहां देश -विदेश से लोग मत्था टेकने आते है।