- आप किसी भी काम लिए खुद को तैयार करते हैं, तो अपनी क्षमता का आकलन करें, समाज की अपेक्षा नहीं। कामयाबी आपके कदम चूमेगी… श्याम यादव
सवाल: इस परीक्षा की तैयारी बेहतर इंसान भी बनाती है क्या?
जवाब: मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि इस परीक्षा की तैयारी एक व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बनाती है। महीनों और सालों तक लगातार अध्ययन करने से अनुशासन और धैर्य की अहमियत समझ में आती है। इसमें शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है, जो हमें संतुलित जीवन शैली सिखाती है। वहीं, सबसे अहम है इंटरव्यू चरण, जहां हम अपनी शख्सियत पर काम करते हैं-न सिर्फ इस परीक्षा के लिए, बल्कि पूरे जीवन के लिए। जो भी इस प्रक्रिया को ईमानदारी से पूरा करता है, वह बिना शक अपने सर्वश्रेष्ठ स्वरूप में बाहर आता है।
सवाल: छात्रों को कब और कैसे तैयारी शुरू करनी चाहिए?
जवाब: मेरी राय में छात्रों को जल्दबाजी में तैयारी नहीं शुरू करनी चाहिए और कोचिंग इंडस्ट्री के प्रचार के जाल में नहीं फंसना भी ठीक नहीं।स्कूल के समय पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें और उस दौर का आनंद लें। कॉलेज के पहले वर्ष में अपनी व्यक्तित्व का विकास, खेल, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। सभी करियर विकल्पों को समझें और फिर समाज की अपेक्षाओं के बजाय अपने निर्णय से राह चुनें। कहने का मतलब यह कि जब आप किसी भी काम लिए खुद को तैयार करते हैं, तो अपनी क्षमता का आकलन करें, समाज की अपेक्षा नहीं। कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
- यात्रा लंबी है। इसमें परिवार और दोस्तों का साथ मायने रखता है। तब आप न थकते हैं, टूट भी नहीं सकते। वह संभाल लेते हैं।
सवाल: शुरुआती समय में सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
जवाब: मेरे पास सही मार्गदर्शन नहीं था। YouTube पर रणनीति खोजता, कुछ महीनों में बदल देता-इसमें समय बर्बाद हुआ। सबसे बड़ी चुनौती थी अव्यवहारिक योजनाएं बनाना और फिर अनुशासन की कमी से उन्हें पूरा न कर पाना। मेरा मानना है कि अपनी रणनीति को चरणों में बांटना चाहिए; सिलेबस खत्म करना, PYQs हल करना, टेस्ट देना और रिवीजन करना। साल को महीनों में बांटकर हर चरण के लिए समय तय करें और उसी पर टिके रहें।
सवाल: परिवार और दोस्तों की भूमिका क्या है?
जवाब: इतनी लंबी यात्रा में परिवार और सही दोस्तों का साथ बहुत मायने रखता है। ऐसे दोस्त जरूरी हैं जो आपके जैसे ही तैयारी कर रहे हों या कम से कम आपको समझते हों। मुझे सौभाग्य मिला कि पिछले करीब डेढ़ साल से चौधरी सर मेरे साथ हैं। जब भी मैं थका, टूटा, उन्होंने संभाला, उत्साह दिया और सही दिशा दिखाई।
सवाल: क्या कोचिंग जरूरी है? और स्टडी टिप्स?
जवाब: इस परीक्षा के लिए कोचिंग बिल्कुल भी जरूरी नहीं है, अगर आपके पास कोई सीनियर या दोस्त मार्गदर्शन दे सके। सेल्फ-स्टडी ही असली चाबी है। अपने नोट्स खुद बनाइए, इससे याददाश्त बेहतर होती है। पेपर 1 और 2 के लिए अखबार पढ़ना जरूरी नहीं, लेकिन इंटरव्यू के लिए लाभदायक है। करेंट अफेयर्स के लिए किसी एक reputed संस्थान की मासिक मैगजीन और YouTube वीडियो देखें। बार-बार रिवीजन करें, कई स्रोतों से बचें। टेस्ट के लिए Vision, Vajiram जैसी कोचिंग संस्थानों के UPSC CSE के टेस्ट पेपर्स करें। फुल-टाइम तैयारी कर रहे छात्रों को रोजाना 8-9 घंटे गुणवत्ता के साथ पढ़ाई करनी चाहिए।
सवाल: UPSC उम्मीदवार में क्या गुण देखता है?
जवाब: मेरे सीमित अनुभव में UPSC इन गुणों को देखता है; संतुलित निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास, संचार कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, ईमानदारी और अखंडता। यह सभी गुण निरंतर अभ्यास से विकसित किए जा सकते हैं; मसलन, खेल में भाग लेकर, दोस्तों के साथ बोलने की प्रैक्टिस करके, और हर डर का सामना करके।
सवाल: जो इस बार सफल नहीं हो सके, उनके लिए क्या कहेंगे?
जवाब: कोई फर्क नहीं है सब कुछ जीत लेने में और अंत तक हिम्मत न हारने में। अगर यह साल आपका नहीं था, तो चिंता न करें। प्रक्रिया पर विश्वास रखें, मेहनत करते रहें-एक दिन आपकी एक सफलता, आपकी सौ असफलताओं पर भारी पड़ेगी।
सवाल: तैयारी कर रहे वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए क्या कहेंगे?
जवाब: मैं खुद एक कामकाजी अभ्यर्थी हूं। यह स्थिति चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन यही आपको ज्यादा मेहनत की प्रेरणा भी देती है। समय कम होता है, लेकिन ध्यान अधिक। इसलिए समय का सदुपयोग करें और दिन के हर घंटे का मूल्य समझें। आपको दूसरों से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी-लेकिन यही कीमत है बेहतर जीवन की।
सवाल: तैयारी के दौरान क्या समाज से कट जाना जरूरी है?
जवाब: मैं ऐसा नहीं मानता कि हमें 2-3 साल तक पूरी तरह समाज से कट जाना चाहिए। लेकिन हां-distractions कम से कम होनी चाहिए। कम से कम एक साल खुद को समर्पित कर दें, distractions से दूर रहें, और पूरा फोकस पढ़ाई पर रखें। नहीं तो हम इस चक्र में उलझकर 4-5 साल गंवा देते हैं।
सवाल: क्या केवल टॉपर्स या बड़े कॉलेज के छात्र ही सफल होते हैं?
जवाब: मेरी राय में हम सभी के पास बराबर मौके होते हैं। टॉपर्स को लंबी पढ़ाई की आदत होती है, ये उनका लाभ हो सकता है। पर हम जैसे औसत छात्र मेहनत के बल पर वो सब हासिल कर सकते हैं; हम ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होते, बल्कि हर चीज के लिए ईमानदारी से मेहनत करते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए 1-1.5 साल की समर्पित मेहनत पर्याप्त है।