नई दिल्ली: एक मीडिया संस्थान के तौर पर NewGIndia को बखूबी पता है कि यमुना है, तभी दिल्ली है। बिन यमुना दिल्ली वीरान होगी। यकीन के लिए फतेहपुर सीकरी का इतिहास देख लीजिए।
मुगल शासक अकबर ने बड़े मन से इसको बसाया। शहर की दर-ओ-दीवार अपने बादशाह के सपने की गवाह बनी। वास्तुकला बेमिसाल थी इसकी। शहर अकबर की सोच का रिफ्लेक्शन था।
सब-कुछ पूरी तरह सुनियोजित था। 1571 में यह मुगल साम्राज्य की राजधानी भी बना, लेकिन 15 साल बाद 1585 में अकबर को फिर अपनी राजधानी वापस लानी पड़ी।
यह एतिहासिक तथ्य है कि अपने सपनों के शहर को अकबर को इसलिए छोड़ना पड़ा कि वहां जबरदस्त जल संकट था। छोटी सी जो नदी वहां से गुजरती थी, वह सूख गई थी।
यह सिर्फ एक उदाहरण है। अपने देश में ऐसी दर्जनों बसावटें बेपानी होने से उजाड़ हुई हैं। सरस्वती नदी के सूख जाने से हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के कई सारे शहर बर्बाद हो गए थे। भरी-पूरी संस्कृति का सूख गई, सरस्वती के मिट जाने से। पुरातात्विक तथ्य इसकी तस्दीक भी करते हैं।
इसके उलट दिल्ली का बार-बार उजड़ना और उजड़कर हर बार बस जाना यमुना ने संभव किया। गांधीवादी विचारक और पर्यावरणविद् दिवंगत अनुपम मिश्र ने शायद तभी यमुना को दिल्ली की सबसे बड़ी ‘टाउन प्लेनर’, शहरी नियोजक कहा है। शहर के पूरब में बहने वाली यमुना के ठीक सामने कुछ करोड़ साल से खड़ी अरावली है। यह उत्तरी कोने से दक्षिणी कोने तक कुछ इस तरह से सुरक्षा देती है, जैसी सुरक्षा यमुना को कहीं नहीं मिलती।
यमुना आज मैली है। दिल्ली की गंदगी धोते-धोते यह गंदगी ढोने लगी है। यमुना दिल्ली में मृतप्राय है। तभी यमुना संसद की मुहिम बेहद जरूरी है। और NewGIndia इसकी हर पल की अपडेट आप तक पहुंचाएगा।

तो आइए, चार जून को मिलते हैं। वहीं यमुना और इसके बहाने खुद को, आने वाली पीढ़ियों को बचाए रखने का संकल्प लेते हैं। यकीन जानिए, दिल्ली के बचे रहने की बुनियादी शर्त यमुना का बने रहना है।
आयोजक
रविशंकर तिवारी जी, संयोजक, यमुना संसद और दिल्ली सरकार
सांस्कृतिक प्रस्तुति
संतूर वादक पंडित अभय सोपोरी जी
प्रोग्राम शेड्यूल
स्थान: कमानी ऑडिटोरियम
तारीख:04/06/2025
समय: शाम 5:30 बजे
नदी केवल जलधारा नहीं, हमारी सांस्कृतिक चेतना की वाहिनी है।
— Yamuna Sansad (यमुना संसद) (@Loksansad_india) May 31, 2025
यमुनोत्सव-2025 में आइए, यमुना के शुद्धिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की साझा यात्रा का हिस्सा बनिए।
📍4 जून, कमानी ऑडिटोरियम, दिल्ली#Yamunotsav #SaveYamuna #YamunaSansad @NathRaviShankar pic.twitter.com/uNTB6EDc1v