नई दिल्ली। दवा खरीदने के लिए अब आपको दवा की दुकानें खोजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार यह फैसला लेने जा रही है कि अब कहीं भी किसी भी दुकान पर दवा मिल सकती है। वह सब्जी की दुकान हो सकती है या किराने की भी। इसके लिए सरकार लाइसेंस जारी करेगी। इसमें लाइसेंसधारी का पढ़े-लिखे होना खास मायने नहीं रखेगा। वह कुछ शुल्क देकर लाइसेंस ले सकेगा। इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए सरकार ने इसके लिए नियम और शर्तें बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत में दवा बनाने से लेकर उसकी गुणवत्ता और दवा बेचने से लेकर उसके लिए लाइसेंस देने की जिम्मेदारी संभालने वाली भारत सरकार की संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सबसे बड़ी टेक्निल कमेटी ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में इसकी सिफारिश कर दी है। डीटीएबी ने यह भी सिफारिश की है कि इसके लिए जल्द से जल्द नियम और शर्तें तय की जाए ताकि ओवर द काउंटर (ओटीसी) दवा मिलने का रास्ता साफ हो पाए।
डीटीएबी ने यह भी कहा कि जल्द से जल्द ओवर द काउंटर दवा बेचने के लिए दवाईयों का एक अलग शेड्यूल अर्थात सूची तैयार की जाए और यह तय किया जाए कि इस श्रेणी में कौन-कौन सी और कितने तरह की दवा होगी।
फिलहाल 2022 में तैयार एक ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई है, जिसमें 16 तरह की दवाओं को ओटीसी में शामिल किया गया है। पैरासिटामोल, डाइक्लोफिनेक, ऑक्सी मेथाजोलिन, सोडियम क्लोराइड नेजल स्प्रे सहित कुछ अन्य दवाइयों को इसमें शामिल किया गया है।
डीटीएबी ने यह भी कहा है कि ओटीसी दवा बेचने के लिए फार्मासिस्ट का होना जरुरी नहीं है सिर्फ वैध लाइसेंस लेकर दवा बेचने का अधिकार दे दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो जो अभी जनरल स्टोर, किराना स्टोर या अन्य किसी तरह की दुकान चला रहे हैं यदि वे चाहें तो स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर से एक मामूली फीस देकर लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं और दवा बेचने का काम शुरू कर सकते हैं।
आंदोलन की तैयारी
ऑल इंडिया ऑरगेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगस्टि (एआईओसीडी) के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। यदि यह निर्णय लागू होता है तो किराना दुकान से लेकर कॉस्मेटिक यहां तक कि फल और सब्जी वाले भी चाहें तो अपनी दुकान पर दवा बेच सकते हैं। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में किस प्रकार से दवाईयों का गलत उपयोग हो सकता है। सरकार यदि इस फैसले को लागू करने का निर्णय लेती है तो देश भर के साढ़े 12 लाख से ज्यादा केमिस्ट केमिस्ट देश भर में आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। क्योंकि इस तरह के फैसले से आम लोगाें के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
इस संबंध में ऑरगेनाइजेशन की ओर से देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव और स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. सुनीता शर्मा को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि किसी भी सूरत में इस फैसले को लागू नहीं किया जाए। यदि फैसला लागू करने का निर्णय लिया जाता है तो देश में बड़े स्तर पर केमिस्ट आंदोलन करेंगे।
खतरा
. ज्यादा दवा इस्तेमाल होने का खतरा
. बाजार में बड़ी मात्रा में नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवा बढ़ेगी।
. आम आदमी के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा
. फार्मासिस्ट की उपयोगिता होगी कम