नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड (Ind vs Eng) के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया फिलहाल एजबेस्टन में दूसरा मुकाबला खेल रही है। यह सीरीज युवा कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) के नेतृत्व में भारत के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक मानी जा रही है। हालांकि, लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था, जिससे शुरुआत निराशाजनक रही।
लीड्स टेस्ट के बाद टीम इंडिया में तीन बदलाव देखने को मिले। साई सुदर्शन की जगह वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar), शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) की जगह नीतीश रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की गैरमौजूदगी में आकाशदीप को मौका दिया गया। मगर सवाल उठ रहे हैं उन खिलाड़ियों को लेकर, जो पहले टेस्ट में नाकाम रहे, फिर भी कप्तान गिल का उन पर भरोसा कायम है।
Mohammed Siraj: फॉर्म से बाहर, फिर भी कायम भरोसा
टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) का प्रदर्शन हालिया समय में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। लीड्स टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 122 रन देकर दो विकेट लिए, जबकि दूसरी पारी में बिना विकेट के 51 रन खर्च कर दिए। IPL 2025 में भी सिराज का प्रदर्शन फीका रहा था, जहां उन्होंने पिछले 10 मैचों में केवल 8 विकेट ही चटकाए। बावजूद इसके, गिल ने उन्हें एजबेस्टन टेस्ट में दोबारा मौका दिया है।
Prasidh Krishna: रन लुटाए, लेकिन टीम में बने रहे
प्रसिद्ध कृष्णा (Prasidh Krishna) की गेंदबाजी लीड्स में बेहद महंगी साबित हुई थी। पहली पारी में उन्होंने 20 ओवर में 128 रन दिए और तीन विकेट लिए। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 15 ओवर में 92 रन लुटाते हुए सिर्फ दो विकेट हासिल किए। उम्मीद जताई जा रही थी कि उनकी जगह अर्शदीप सिंह को मौका मिलेगा, लेकिन कप्तान गिल ने कृष्णा पर भरोसा बरकरार रखा।
Karun Nair: बड़े मौके पर नाकामी
मीडिल ऑर्डर बल्लेबाज करुण नायर (Karun Nair) को आठ साल बाद टीम में वापसी का मौका मिला। इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर उन्होंने टीम में जगह बनाई थी। मगर लीड्स टेस्ट में उनका बल्ला खामोश रहा। पहली पारी में वह खाता भी नहीं खोल सके और दूसरी में महज 20 रन बनाकर आउट हुए। इसके बावजूद गिल ने उन्हें एजबेस्टन टेस्ट की प्लेइंग-XI में शामिल किया।
एजबेस्टन में जीत की तलाश
भारतीय टीम एजबेस्टन में अब तक जीत दर्ज नहीं कर सकी है। यहां खेले गए आठ टेस्ट मुकाबलों में भारत को सात बार हार का सामना करना पड़ा है, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। अब कप्तान शुभमन गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर की जोड़ी इस इतिहास को बदलने के इरादे से मैदान पर उतरी है।
इस मुकाबले में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें टिकी हैं, खासकर उन खिलाड़ियों पर जिन्हें कप्तान का अटूट समर्थन मिला है, भले ही वे लगातार उम्मीदों पर खरे न उतर सके हों।