विविधता पूर्ण भारत का पूर्वोत्तर सबसे विविध क्षेत्र

पूर्वोत्तर को अवसर की जमीन के तौर पर पेश करने व वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करने के मकसद से शुक्रवार, 23 मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इसमें बड़ी संख्या में निवेशक, नीति निर्माता व हित धारक एक छत के नीचे मौजूद रहे।

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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे विविधता पूर्ण राष्ट्र का पूर्वोत्तर सबसे विविध क्षेत्र है। हमारे लिए, ईस्ट का अर्थ है- सशक्त बनाना, कार्य करना, मजबूत बनाना और बदलाव लाना है। एक समय था, जब पूर्वोत्तर को केवल सीमांत क्षेत्र कहा जाता था। आज, यह विकास के अग्रणी क्षेत्र के रूप में उभर रहा है।

पीएम मोदी के मुताबिक, अच्छी तरह से विकसित सड़कें, बिजली का बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क किसी भी उद्योग का आधार बनते हैं, जो निर्बाध व्यापार और आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाते हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा विकास की नींव है और सरकार ने पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे की क्रांति की शुरुआत की है। पूर्वोत्तर पर्यटन के लिए एक संपूर्ण पैकेज है।

पीएम ने कहा कि अशांति फैलाने वाले चाहे आतंकवादी हो या माओवादी, हमारी सरकार शून्य-सहिष्णुता की नीति पर चलती है। पूर्वोत्तर एक समय नाकाबंदी और संघर्ष से जूझ रहा था। इसने यहां के युवाओं के अवसरों को गंभीर रूप से प्रभावित किया। जबकि पिछले 10-11 वर्षों में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने शांति को अपनाने के लिए हथियार छोड़ दिए हैं।

ऊर्जा और सेमी कंडक्टर सरीखे क्षेत्रों का प्रमुख गंतव्य बन रहा पूर्वोत्तर

पीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर ऊर्जा और सेमी कंडक्टर का प्रमुख क्षेत्र बनकर उभर रहा है। यहां के सभी राज्यों में जलविद्युत और सौर ऊर्जा में सरकार के बड़े पैमाने पर निवेश का किया है। वहीं, भारत के सेमी कंडक्टर इको-सिस्टम को मजबूत करने में असम की भूमिका बढ़ी है। उन्होंने ऐलान किया कि यहां के सेमी कंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप जल्द ही पेश की जाएगी।

राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट: अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ भारत मंडपम में पीएम मोदी

आसियान बाजारों को प्रवेश द्वार बनेगा पूर्वोत्तर

प्रधानमंत्री ने बताया कि आसियान के साथ भारत का व्यापार अभी करीब 125 बिलियन डॉलर है। आने वाले सालों में इसके 200 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। इसमें पूर्वोत्तर एक रणनीतिक व्यापार सेतु और आसियान बाजारों के लिए प्रवेश द्वार होगा।

पीएम ने वियतनाम और लाओस के साथ भारत की कनेक्टिविटी मजबूत बनाने से जुड़ी म्यांमार से थाईलैंड तक के प्रोजेक्ट व भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि सरकारें कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट में तेजी ला रही है। यह कोलकाता बंदरगाह को म्यांमार के सित्तवे बंदरगाह से जोड़ेगा। वहीं, मिजोरम से एक व्यापार मार्ग प्रदान करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिजोरम के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी तथा व्यापार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बड़ी संख्या में हितधारक शामिल

दो दिवसीय सम्मेलन से पहले रोड शो तो हुआ ही, अलग-अलग राज्यों में गोलमेज हुए। राजदूतों की बैठक और द्विपक्षीय चैंबर्स मीट भी खास रही। वहीं, शिखर सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय सत्र, व्यवसाय-से-सरकार सत्र, व्यवसाय-से-व्यवसाय बैठकें, स्टार्टअप और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों की नीतिगत पहल की प्रदर्शनी लगाई गई। निवेश प्रोत्साहन के लिए पर्यटन व आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण व संबद्ध क्षेत्र, वस्त्र, हथकरघा व हस्तशिल्प, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा व कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा तथा मनोरंजन व खेल शामिल हैं।

Suman

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