नई दिल्ली: अबूझमाड़ में 27 नक्सलियों के साथ पोलित ब्यूरो के महासचिव बासव राजू की मौत के बाद सुरक्षाबलों को दूसरी बड़ी कामयाबी नैया जंगल में मिली है। नक्सलवादियों का एरिया कमांडर तुलसी भुइयां और 15 लाख का इनामी नितेश यादव सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया। नीतेश पर बिहार सरकार ने भी पांच लाख का इनाम रखा हुआ था। दिलचस्प यह कि दोनों जगहें नक्सलियों के लिए महफूज मानी जाती रही है। और दोनों को सुरक्षाबलों ने भेद दिया है।
झारखंड का नैया जंगल पहाड़ियों से घिरा हुआ है। नक्सलियों के छिपने के लिए यह मुफीद है। नक्सली यहां अड्डा जमा रहे थे। नैया जंगल में माओवादियों ने महीनों तक ठहरने का पूरा इंतजाम कर रखा था। पुलिस ने चारों तरफ से घेर कर उस अड्डे का खाक कर दिया। पोलित ब्यूरो के महासचिव बासव राजू के मारे जाने के बाद एरिया कमांडर तुलसी भुइया का मारा जाना झारखंड में माओवादियों की रीढ़ खत्म हो जाने के समान है। तुलसी भुइया ही झारखंड के लाल आतंक को संभालता था। पदानुक्रम में इससे ऊपर एरिया का कमांडर है।
12 वर्ष बाद इजराइली हथियार बरामद, 17 जवान हुए थे शहीद
इस मुठभेड़ में नक्सलियों के पास से इजरायली हथियार एक्स-95 भी बरामद हुए हैं। इस हथियार को नक्सलियों ने 2013 में की मुठभेड़ में सीआरपीएफ जवानों से छीना था। सात जनवरी 2013 को बरवाडीह थाना क्षेत्र के अनुवांतिकार में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें सीआरपीएफ, जगुआर के 17 जवान शहीद हुए थे। इसी मुठभेड़ में माओवादियों ने सीआरपीएफ के एक जवान के पेट में बम प्लांट कर दिया था। बम प्लांट करने वाले दस्ते में गिरफ्तार नक्सली कुंदन खरवार और मनीष यादव भी शामिल था। लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि बरामद इजरायली हथियार एक्स 95 को 2013 में नक्सलियों ने लूटा था।
हुसैनाबाद की महुदंड पंचायत के नैया जंगल में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ पुलिस ने तुलसी भुइयां के शव के साथ एसएलआर हथियार भी बरामद किया है। घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ करीब 40 मिनट तक चली। इसके बाद पुलिस पिछले 14 घंटे से इलाके में सर्च अभियान चला रही है। पलामू एसपी रीष्मा रमेशन को सूचना मिली थी कि इनामी नक्सली नितेश यादव और उसका दस्ता किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे। इस पर एक्शन लेते हुए एएसपी राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जिले के पुलिस बल सर्च अभियान में निकाला।
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इससे पहले पप्पू लोहरा भी मारा गया
अभी शनिवार की बात है। झारखंड के लातेहार जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के शीर्ष नेता पप्पू लोहरा समेत दो नक्सली मारे गए। पप्पू पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पप्पू लोहारा अपने ग्रुप के सदस्यों के साथ इचावार के जंगल में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में था। सूचना मिलने पर पुलिस और सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान शुरू किया। इस दौरान जैसे ही नक्सलियों ने जवानों को देखा, गोलीबारी शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि माओवादी समूह JJMP का प्रमुख लोहरा और उसका एक अन्य सहयोगी लातेहार पुलिस थाना क्षेत्र के एक जंगल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और झारखंड पुलिस के नक्सल रोधी संयुक्त अभियान के दौरान मारे गए। पलामू के पुलिस उप महानिरीक्षक वाईएस रमेश ने मीडिया को बताया, सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 2 माओवादी मारे गए। पुलिस ने उनके शव बरामद कर लिए हैं।
जल्द ही जमींदोज हो जाएंगे माओवादी
अबूझमाड़ के जंगल में 27 माओवादियों का मारा जाना, एक उनकी मिलिट्री कंपनी का खत्म हो जाना, पुलिस की बहुत बड़ी कामयाबी है। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि माओवादी जल्द ही जमींदोज होंगे। इस साल उनकी वसूली भी नहीं हो पा रही है। आर्थिक रूप से भी कमजोर हो चुके हैं। उनके हथियार भी अब नये सिरे से नहीं आ रहे हैं। जैसे ही वे अपना दबदबा दिखाने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, मारे जा रहे हैं। इसका जमीन पर आम लोगों के बीच असर बेहद सकारात्मक है। चार दिन में तीन प्रदेशों में चालीस के लगभग उच्च स्तरीय नक्सलियों का मारा जाना आमजन और सुरक्षा बलों के हौसला बढ़ाने वाला है। बैकफुट पर धकेल दिए गए नक्सलियों का खौफ अब आमजन में खत्म हो रहा है। तभी पुलिस का सटीक सूचनाएं मिल रही हैं। पहले ऐसा नहीं होता था।