ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी सिस्टम आतंक पर भारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मानना है कि मेक इन इंडिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अहम भूमिका अदा की। अगर स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत नहीं किया होता तो भारतीय सशस्त्र बल पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाते। रक्षा मंत्री बृहस्पतिवार नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे।

Share This Article:

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों के इस्तेमाल से साबित हो गया है कि अपना देश दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की ताकत रखता है। हमारी सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों और उनके सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया। हमारा देश और भी बहुत कुछ कर सकता था, लेकिन देश ने शक्ति और संयम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया।

राजनाथ सिंह के मुताबिक, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम मॉडल के तौर लागू किया जा रहा है। इसमें निजी क्षेत्र को पहली बार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मेगा रक्षा प्रोजेक्ट में भाग लेने का मौका मिलेगा। यह साहसिक और निर्णायक कदम है। इससे घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने बताया कि एएमसीए प्रोजेक्ट के तहत पांच प्रोटोटाइप विकसित करने की योजना है। इसके बाद एयक्राफ्ट का श्रृंखलाबद्ध उत्पादन होगा। मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी।

पीओके के लोग स्वेच्छा से भारत में होंगे शामिल

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है। यहां के ज्यादातर लोगों का भारत से गहरा संबंध है। केवल कुछ ही लोग हैं, जिन्हें गुमराह किया गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले हमारे भाई-बहनों की स्थिति वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह के समान है। अलग होने के बाद भी बड़े भाई का अपने छोटे भाई के प्रति विश्वास और आस्था बरकरार है। वह कहता है: ‘तब कुपथ को छोड़ सुपथ पर स्वयं चला आएगा। मेरा ही भाई है, मुझसे दूर कहां रहेगा। राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई कि भौगोलिक तथा राजनीतिक रूप से अलग हुए लोग जल्द या बाद में स्वेच्छा से भारत लौट आएंगे।

रक्षा उत्पादन पहुंचा 1,46,000 करोड़

रक्षा मंत्री ने बताया कि 10-11 साल पहले, हमारा रक्षा उत्पादन लगभग 43,000 करोड़ रुपये था। आज निजी क्षेत्र का इसमें 32,000 करोड़ रुपये से अधिक के योगदान है। वहीं, कुल उत्पादन 1,46,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े से ज्यादा है। दूसरी तरफ दस साल पहले रक्षा निर्यात 600-700 करोड़ रुपये था। इस वक्त यह 24,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। हथियार, प्रणालियां, उप-प्रणालियां, घटक और सेवाएं लगभग 100 देशों तक पहुच रही हैं। रक्षा क्षेत्र से जुड़े 16,000 से अधिक एमएसएमई आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ बन गए हैं। यह कंपनियां न केवल देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत कर रही हैं, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।

नए युग की युद्ध तकनीक पर काम कर रहा भारत

राजनाथ सिंह ने बताया कि अब देश सिर्फ लड़ाकू विमान और मिसाइल प्रणाली ही नहीं बना रहा, नए युग की युद्ध तकनीक के लिए भी तैयार हो रहा है। अपने यहां अग्रणी तकनीकों में लगातार प्रगति हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर डिफेंस, मानवरहित सिस्टम और अंतरिक्ष आधारित सुरक्षा के क्षेत्र में देश की प्रगति को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। भविष्य की तकनीकों के लिए विकास केंद्र बनने की क्षमता अपने देश में है।

Suman

santshukla1976@gmail.com http://www.newgindia.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें

कैटेगरीज़

हम वह खबरची हैं, जो खबरों के साथ खबरों की भी खबर रखते हैं। हम NewG हैं, जहां खबर बिना शोरगुल के है। यहां news, without noise लिखी-कही जाती है। विचार हममें भरपूर है, लेकिन विचारधारा से कोई खास इत्तेफाक नहीं। बात हम वही करते हैं, जो सही है। जो सत्य से परामुख है, वह हमें स्वीकार नहीं। यही हमारा अनुशासन है, साधन और साध्य भी। अंगद पांव इसी पर जमा रखे हैं। डिगना एकदम भी गवारा नहीं। ब्रीफ में यही हमारा about us है।

©2025 NewG India. All rights reserved.

Contact Us  |  Privacy Policy  |  Terms of Use