लिली तालाब देखा है, राष्ट्रपति तपोवन में अब देख सकेंगे

देहरादून ​स्थित राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन को सार्वजनिक भ्रमण के लिए खोला गया। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था।

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नई दिल्ली: क्या आपने लिली तालाब देखा है। अगर नहीं तो आप देहरादून ​स्थित तपोवन व राष्ट्रपति भवन पहुंचे। इसे आप सब के लिए खोल दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कैफेटेरिया और स्मारिका शॉप सहित सार्वजनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखी। निकेतन में एक एम्फीथिएटर का भी उद्घाटन किया।

हिमालय की तलहटी में है यह तपोवन

देहरादून में राजपुर मार्ग पर स्थित राष्ट्रपति तपोवन, हिमालय की तलहटी के 19 एकड़ में फैला है। यह आध्यात्मिक आश्रय स्थल भी है। यहां देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घने जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियां, 52 तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और 7 जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग और एकांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र हैं।

समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है

राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का दौरा किया

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