लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि जन मनरेगा एप से मनरेगा के कामों में और ज्यादा पारदर्शिता आयेगी। मनरेगा के कामों को देखने व फीडबैक देने की सुविधा के अलावा श्रमिक, रोजगार सेवक और मनरेगा कर्मचारी एप से मानदेय के भुगतान की स्थिति का भी पता कर सकेंगे।
इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें खास बात यह है कि कोई भी श्रमिक अपना जाब कार्ड नंबर डालकर पंजीकरण करा सकेगा। उपस्थिति के अलावा श्रमिक ने महीने में काम के दिनों की संख्या व भुगतान की भी जानकारी मिलेगी। मनरेगा मेट के लिए भी यह एप बहुत ही महत्वपूर्ण है।
एप जीपीएस से लिंक है। इससे मनरेगा की सभी परिसंपत्तियों का पता चल जाएगा। कहां पर मनरेगा कार्य किया गया, कितने मजदूर लगे थे, कितना खर्च हुआ, इसकी पूरी डिटेल एप से ली जा सकेगी। एप की गुणवत्ता पर सुझाव और शिकायतें भी दर्ज हो सकेंगी। यह एप हिंदी, अंग्रेजी सहित 12 भाषाओं में तैयार किया गया है।
मनरेगा योजना के तहत चकमार्ग, मेड़बंदी, समतलीकरण, पौधारोपण, गौशाला निर्माण, नाली, खड़ंजा, स्कूलों की बाउंड्री, तालाब की खोदाई, मनरेगा पार्क, ओपन जिम समेत कई काम शामिल हैं। अभी मेट और रोजगार सेवकों की देखरेख में चल रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनमनरेगा एप विभाग की मनरेगा योजना की पारदर्शिता तथा जवाबदेही प्राथमिकता में है। इस एप्लीकेशन से घर बैठे मनरेगा परिसम्पत्ति को देख सकेंगे। साथ जियो टैग किये गये स्थान के 20 मीटर के दायरे में परिसंपत्तियों पर प्रतिक्रिया भी प्रदान कर सकेंगे।