नई दिल्ली: भारतीय रेलवे भारत-भूटान मिस्टिक माउंटेन टूर कराने जा रही है। 28 जून से शुरू होने जा रही इस यात्रा में आप पूर्वोत्तर भारत की आध्यात्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक विरासत से परिचित होंगे। साथ में भूटान के शांत और सुरम्य स्थलों को देखने का भी मौका मिलेगा।
इसका नाम भारत गौरव ट्रेन है। 28 जून से यह टूर पर निकलने जा रही है। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से सज-धज कर इस ट्रेन की अनोखी और अविस्मरणीय यात्रा शुरू करेगी। यात्रा का पूरा पैकेज 13 रात और 14 दिन का है। इसमें 150 पर्यटक यात्रा कर सकेंगे। गाजियाबाद, अलीगढ़, टुंडला, कानपुर, लखनऊ व वाराणसी रेलवे स्टेशन से इस पर सवारी की जा सकेगी।यात्रा का पहला पड़ाव गुवाहाटी होगा। यहां नीलाचल पहाड़ियों में स्थित प्राचीन और पवित्र कामाख्या मंदिर का दर्शन कराया जाएगा। यह मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है और देवी उपासकों के लिए श्रद्धा का केंद्र है।
गुवाहाटी से आगे यात्रा शिलांग की ओर बढ़ेगी। प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से इसको पूरब का स्कॉटलैंड कहते हैं। इसके बाद चेरापूंजी की एक दिवसीय यात्रा होगी। जहां ‘सेवन सिस्टर्स जल प्रपात’, नोहकालिकाई फॉल्स और एलिफेंट फॉल्स सरीख मशहूर प्राकृतिक स्थल मंत्र मुग्ध करेंगे। इसके बाद पर्यटकों का समूह वापस शिलांग आ जाएगा। यहीं से भारतीय पर्यटक अंतरराष्ट्रीय चरण में प्रवेश करेंगे।
फुंटशोलिंग के रास्ते थिंपू जाने का मौका
पश्चिम बंगाल के हासीमारा रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद पर्यटकों को सड़क मार्ग से भूटान ले जाया जाएगा। फुंटशोलिंग के रास्ते थिंपू यात्री पहुंचेंगे। थिंपू में महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा। इसमें मोती ठांग चिड़ियाघर, नेशनल लाइब्रेरी, पारंपरिक चित्रकला विद्यालय, हस्तशिल्प बाजार और भव्य चोएदजोंग जैसे स्थल शामिल हैं।
हिमालय की बफीर्ली चोटियों तक की यात्रा
हिमालय की बर्फीली चोटियों से होते हुए आपको ऐतिहासिक दोचू ला दर्रा से यात्री पुनाखा पहुंचेगे। यहां का पुनाखाद्जोंग मशहूर है। यह फो चू (पुरुष नदी) और मो चू (स्त्री नदी) के संगम पर यह स्थित है। इसे भूटान के सबसे सुंदर व विशाल द्जोंग में से एक माना जाता है।
भूटान यात्रा का अंतिम चरण पारो में संपन्न होगा। यह अपनी सीढ़ीनुमा धान के खेतों, पारंपरिक फार्म हाउसों और गहन आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। पारो में यात्रा के दौरान यात्रियों को लामपेरी रॉयल बॉटनिकल पार्क, भूटान की UNESCO टेंटेटिव सूची में शामिल तामचोगल्हाखांग आयरन ब्रिज, विश्व प्रसिद्ध टाइगर्स नेस्ट मठ (तकत्संगल्हाखांग) और भूटान का राष्ट्रीय संग्रहालय देखने को मिलेगा। हिमालयी राष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी।
यादगार तीरंदाजी का मौका मिलेगा पर्यटकों को
यात्रा को और अधिक यादगार बनाने के लिए यात्रियों को भूटान के राष्ट्रीय खेल तीरंदाजी (आर्चरी) का अनुभव कराया जाएगा। यहां पारंपरिक हॉट स्टोन बाथ में विश्राम की सुविधा भी दी जाएगी। इसके बाद यात्री भूटान से विदा लेकर भारत लौटेंगे। टूर पैकेज ट्रेन यात्रा (विभिन्न श्रेणियों में) 3-स्टार श्रेणी के होटलों में रात्रि विश्राम, सभी दर्शनीय स्थलों का भ्रमण, शुद्ध शाकाहारी भोजन और ऑनबोर्ड व ऑफबोर्ड सुविधाओं के साथ एक समृद्ध और निर्बाध अनुभव प्रदान कराएगा। अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए https://www.irctctourism.com/ पर आप विजिट कर सकेंगे।