नई दिल्ली: भारत सरकार के अनुसार, वर्ष 2030 तक देश में प्रति वर्ष 50 करोड़ लोग हवाई जहाज से यात्रा करेंगे। यह संख्या कई देशों की कुल आबादी से भी ज्यादा है। दो जून को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंटरनेशनल एयरट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की 81वीं वार्षिक आम बैठक और वर्ल्ड एयरट्रांसपोर्ट समिट (डब्ल्यूएटीएस) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।
सिर्फ उड़ान योजना के तहत ही डेढ़ करोड़ से अधिक यात्रियों ने सस्ती हवाई यात्रा लाभ लिया है। यही वजह है कि भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि कर रही है। वर्तमान में देश में 24 करोड़ यात्री सालाना हवाई यात्रा कर रहे हैं। जबकि एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2030 तक यह संख्या प्रति वर्ष 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ हवाई यात्री ही नहीं, हवाई मार्ग से बड़ी मात्रा मेंमाल की भी ढ़ुलाई हो रही है। वर्तमान में प्रति वर्ष 35 लाख मिट्रिक टन माल हवाई मार्ग से ले जाया जाता है। इस दशक के अंत तक यह मात्रा बढ़ कर एक करोड़ मिट्रिक टन तक होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि यह सिर्फ आंकड़ा नहीं है, बल्कि भारत की और भारत में अपार संभावनाओं का प्रतिबिंब है। विकसित भारत के लक्ष्य और भारत की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार विश्व स्तरीय हवाई अड्डे के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर जोर दे रहा है। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2014 में देश में 74 हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 162 हो गए हैं।
India's aviation sector is a key player in the global air transport industry. Addressing the AGM of the IATA in New Delhi. https://t.co/78ll1I8uER
— Narendra Modi (@narendramodi) June 2, 2025
तेजी से बढ़ रही एयरलाइन इंडस्ट्री
भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री की किस तेजी से बढ़ रही है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ समय में भारतीय विमानन कंपनियों ने 2,000 से अधिक नए विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर दिए हैं। एयरलाइन इंडस्ट्री में यह बदलाव न केवल भौगोलिक सीमाओं को पार करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्थिरता, हरित आवागमन और समान पहुंच को भी बढ़ावा देगा।
15 प्रतिशत से अधिक पायलट महिलाएं
भारत के हवाई अड्डों की वर्तमान में वार्षिक हैंडलिंग क्षमता 50 करोड़ यात्रियों की है। भारत की विमान इंडस्ट्री में एक और बात गौर करने की है कि यहां 15 प्रतिशत से अधिक पायलट महिलाएं हैं। यह वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है। विमान केबिन क्रू में महिलाओं का वैश्विक औसत लगभग 70 प्रतिशत है। जबकि भारत में यह आंकड़ा 86 प्रतिशत है। भारत के एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और संचालन) क्षेत्र में महिला इंजीनियरों की संख्या वैश्विक औसत से अधिक है। यह इस उद्योग में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
1-3 जून तक चलेगी बैठक
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की 81वीं वार्षिक आम बैठक और वर्ल्ड एयर ट्रांसपोर्ट समिट (डब्ल्यूएटीएस) 1 से 3 जून तक दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में शीर्ष वैश्विक विमानन उद्योग के विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी सहित इस क्षेत्र से जुड़े अन्य प्रतिनिधी शामिल हुए। भारत में पिछली वार्षिक आम बैठक 42 साल पहले 1983 में आयोजित की गई थी।