खरीफ फसलों पर बढ़ी एमएसपी, तीन इंफ्रा प्रोजेक्ट मंजूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार पांच बड़े फैसले लिए। इसमें खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड पर सब्सिडी जारी रहेगी। किसानों के अलावा महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में रेलवे के दो मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। आंध्र प्रदेश में चार लेन का हाइवे बनाने का प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए खरीफ की 14 फसलों पर MSP बढ़ा दी है। इससे उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य मिल सकेगा। इसमें सबसे ज्यादा 172 फीसदी का इजाफा रामतिल में किया गया है। इसके बाद रागी, कपास और तिल की MSP बढ़ाई गई है। केंद्र सरकार ने सभी फसलों के लिए 2,07,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह फैसला कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश पर किया गया है। नई दरों से किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर बाजरा का 63 फीसदी, मक्का 59 फीसदी, तुअर 59 फीसदी व उड़द पर 53 फीसदी का फायदा होगा। इसके अलावा बाकी फसलों पर यह न्यूनतम 50 फीसदी बैठेगा।

केसीसी से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर ऋण

दूसरी तरफ सरकार ने 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (एमआईएसएस) के तहत ब्याज में छूट को जारी रखने का फैसला किया है। इससे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण मिल सकेगा। योजना के तहत केसीसी से 7 फीसदी की रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण मिलेंगे। इसमें ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 फीसदी ब्याज छूट दी गई है। वहीं, समय पर ऋण चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं। इससे किसान क्रेडिट कार्ड ऋणों पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत हो जाती है। सिर्फ पशुपालन या मत्स्य पालन के ऋणों पर ब्याज लाभ दो लाख रुपये है। देश में फिलहाल 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं।

दो नए रेल प्रोजेक्ट मंजूर

केंद्र सरकार ने रेलवे के दो मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट मंजूरी किए। इसमें रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन बिछेगी। वहीं, वर्धा-बल्हारशाह के बीच चौथी लाइन पड़ेगी। इसकी अनुमानित लागत करीब 3,399 करोड़ रुपये है। प्रोजेक्ट 2029-30 तक पूरा हो जाएगा। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को जोड़ने वाली यह परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर विस्तार देंगी। इससे करीब 784 गांवों तक संपर्क सुविधा बढ़ेगी। इसका फायदा करीब 19.74 लाख की आबादी को मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे के इन ट्रैक से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई होती है। क्षमता बढ़ने से हर साल 18.40 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। इससे लॉजिस्टिक लागत कम होगी। 20 करोड़ लीटर तेल बचेगा। साथ में 99 करोड़ किग्रा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। यह चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

आंध्र प्रदेश में बनेगा चार लेन का हाइवे

आंध्र प्रदेश में एनएच-67 पर 4-लेन के बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। करीब 108 किमी लंबे इस कॉरिडोर की लाइन 3653.10 करोड़ रुपये आएगी। नया हाईवे राज्य में विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर को कोप्पर्थी नोड में जोड़ेगा। वहीं, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर ओर्वाकल नोड और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर कृष्णापटनम नोड से लिंक होगा।

कॉरिडोर वाईएसआर कडपा जिले में एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होगा। एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर खत्म होगा। इससे कृष्णापटनम पोर्ट को भी संपर्क मिलेगा।

प्रस्तावित कॉरिडोर से कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक की दूरी मौजूदा बाडवेल-नेल्लोर सड़क की 142 किमी दूरी 108.13 किमी रह जाएगी। इससे यात्रा में करीब एक घंटे का समय बचेगा। इससे करीब 20 लाख कार्य दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख कार्य-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। वहीं, कॉरिडोर की दोनों ओर औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

Suman

santshukla1976@gmail.com http://www.newgindia.com

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