नई दिल्ली: वर्ष 2010-11 के बाद अब एक बार फिर से देश में जनगणना कराने की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से 16 जून को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके लिए 35 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जनगणना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में दो दिन पहले एक अहम बैठक भी हुई जिसमें आगामी जनगणना की तैयारियों को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में संबंधित विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में जनगणना अक्टूबर 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे से होगी जबकि बाकी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों में मार्च 2027 के पहले दिन 00:00 बजे से होगी।
जनगणना के पहले चरण में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (HLO) की जाएगी जिसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनगणना (PE) में प्रत्येक घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। साथ ही जनगणना में जातियों की भी गणना की जाएगी।
जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख प्रगणक एवं पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात करने का निर्णय लिया गया है। यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी। आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का भी प्रावधान उपलब्ध कराया जाएगा। डेटा को सुरक्षित करने के लिए कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार से डेटा का गलत इस्तेमाल न हो सके।
2011 में ऐसे हुई थी जनगणना
भारत की पिछली जनगणना वर्ष 2011 में दो चरणों में की गई थी। पहले चरण में मकान सूचीकरण (HLO) (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010) और दूसरे चरण की जनगणना (PE) (09 फरवरी से 28 फरवरी 2011) के बीच हुई थी।
कोविड ने बदली परिस्थिति
जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था, पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था। 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और 1 अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा।
जनगणना के बाद परिसीमन
जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक खत्म हो जाएगी, जो लगभग 21 महीनों में पूरी होगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में जबकि विस्तृत डेटा दिसंबर 2027 तक जारी हो सकता है। इसके बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का परिसीमन 2028 तक शुरू हो सकता है। इसके बाद 2029 के आम चुनाव के समय से महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू की जा सकेगी।