बिहार में धंसा ब्रिज का पिलर, भारी वाहनों के थमे पहिए

बिहार में पुलों के धंसने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बार गया में निलाजन नदी पर बने पुल का एक पिलर धंस गया है। हैरानी की बात यह कि इसे तैयार हुए महज तीन साल हुए हैं। गया से एसके उल्लाह की रिपोर्ट...

Share This Article:

गया: चुनावी साल में एनएच-99 पर निलाजन नदी पर बने पुल का एक खंभा धंस गया। करीब 13 करोड़ की लागत से बने 400 मीटर लम्बे पुल का पिलर धंसने हड़कंप मच गया है। सूचना पाते ही विशेषज्ञों के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल से अनि​श्चित काल के लिए भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी।

दिलचस्प यह कि तीन साल पहले बने इस पुल का अभी तक विधिवत उद्घाटन तक नहीं हुआ है। उधर, इस मामले में स्थानीय निवासियों समेत सियासतदानों ने निर्माण में भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

क्षतिग्रस्त पुल निलाजन नदी पर डोभी प्रखंड में कोठवारा गांव के नजदीक बना है। यह सड़क डोभी से चतरा को जोड़ती है। इससे बिहार से झारखंड के सरहदी गांव जुड़ते हैं। इस इस पुल की नींव 2015 में रखी गई थी। शुरुआत में तीन साल काम ही नहीं शुरू हो सका। बाद में यह पुल चार साल में, 2022 में तैयार हुआ। ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्लूडी) के शेरघाटी डिवीजन की देखरेख में जहानाबाद की एक निजी कंपनी इसे बनाया था। निर्माण के दौरान भी इसके एक हिस्से में बारिश के दिनों में दरारें उभर आई थीं, मगर तब भी मामले का रफा-दफा कर दिया गया था।

अधिकारियों ने किया क्षतिग्रस्त पुल का मुआयना

शुक्रवार शेरघाटी के एसडीओ मनीष कुमार के अलावा कई तकनीकी अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पुल का मुआयना किया अधिकारियों ने पुल के दोनों ओर बैनर लगाकर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी है। साथ ही पुल पर नजर रखी जा रही है। इससे पहले बृहस्पतिवार पुल की सतह में दरारें आने की सूचना मिलने पर आडब्ल्यूडी के गया स्थित अधीक्षण अभियंता प्रेम प्रकाश रंजन के अलावा स्थानीय अभियंताओं ने भी पुल की दरारों का निरीक्षण किया था। इस दौरान पुल बनाने वाली निजी एजेंसी के प्रतिनिधि भी मौके पर थे।

आरडब्ल्यूडी निर्माण कम्पनी को दी क्लिन चिट

पुल पर वाहनों का परिचालन बंद हो जाने के बावजूद आरडब्ल्यूडी यह मानने को तैयार नहीं कि पुल बनाने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हुई है। इसके शेरघाटी के डिवीजन में तैनात कार्यपालक अभियंता ब्रज किशोर प्रसाद ऐसी तमाम शिकायतों और आरोपों को खारिज करते बताते हैं कि पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट में दरारें आई हैं। विभागीय जांच दल इस का पता लगाएगा कि इसकी वजह क्या है। पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि पुल के नजदीक बालू के उठाव से यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण एजेंसी की तत्काल ऐसी कोई गड़बड़ी सामने नहीं आइ है, जिसके लिए उसको जिम्मेवार ठहराया जा सके।

जन प्रतिनिधियों का आरोप

जदयू के नेता और पूर्व मंत्री विनोद प्रसाद यादव इस मामले में कहते हैं कि जिस तरह से पुल धंसा है, उससे साफ है कि निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं रखा गया। इससे सरकार की रकम बर्बाद हो गई। पुल पर यातायात बंद होने से बिहार-झारखंड के सीमावर्ती इलाके के सैंकड़ों गांवों आवाजाही बाधित हुई है। इस मामले की कड़ाई से जांच कर गड़बड़ी के लिए जवाबदेह लोगों को दंडित किए जाने की जरूरत है।

दूसरी तरफ लोजपा नेता और गया जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष तथा एनडीए के शेरघाटी विधान सभा के प्रत्याशी रहे कृष्णा यादव भी पुल में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात कहते हैं। डोभी प्रखंड की बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष और जदयू नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव भी पुल में आई दरार को भ्रष्टाचार का नतीजा बताते हैं।

पिलर धंसने से पुल पर आई दरारें। सभी तस्वीरें एसके उल्लाह की।

गुणवत्ता का सवाल उठाने वालों पर दर्ज हुआ था मुकदमा

डोभी प्रखंड की खरांटी ग्राम कचहरी के सरपंच उपेंद्र यादव कहते हैं कि इस पुल को तो धंसना-ढहना ही था। स्थानीय लोगों को तो ताज्जुब इस बात का है कि इसमें दरारें आने में इतनी देर क्यों हुई। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि 2020 में निर्माण के वक्त जब पुल के खंभों को तैयार किया जा रहा था, तो ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया था कि पुल के खंभों की गहराई तयशुदा गहराई से कम है। वहीं, घटिया निर्माण सामग्री लगाने के साथ छड़, सीमेंट, छर्री और बालू के मिश्रण के तय अनुपात में भी कटौती की गई। बालू में भीस और मिट्टी की मात्रा अधिक थी। उस वक्त निर्माण कंपनी ने विरोध की काट एफआईआर दर्ज करवा कर की थी। बावजूद इसके ग्रामीण विरोध करते रहे। उस वक्त तत्कालीन विधायक विनोद यादव भी पुल निर्माण देखने आए, जिन्हें ग्रामीणों ने सब कुछ दिखाया और बताया। विधायक ने भी इंजीनियरों को गड़बड़ी की इत्तिला भी की थी, लेकिन नतीजा ढाक का पात ही रहा।

2022 से शुरु हुआ बिहार में पुल धंसने का सिलसिला

आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2022 से अब तक बिहार के अलग-अलग जिलों में कम से कम 19 पुलों के क्षतिग्रस्त होने या गिरने-ढहने के मामले सामने आए हैं। जुलाई 2024 में तो चौबीस घंटे के दौरान सिवान और छपरा जिले में पांच पुलों के गिरने की बातें सामने आई थीं। तब बिहार में पुलों के गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय में सिर्फ 12 पुलों के गिरने की बात ही कही गई थी।

जाहिर है पुलों के धड़ाधड़ गिरने से विपक्ष भी गुणवत्ता की कमी और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर है। इसकी सीबीआई से जांच तक की मांग उठी थी। जबकि सूबे की सरकार ने आरसीडी और आरडब्ल्यूडी सरीखे विभागों को सभी पुराने तथा निर्माणाधीन पुलों का तुरंत सर्वेक्षण करने और कमजोर पुलों की पहचान कर उसकी मरम्मत का आदेश दिया था।

पुलों के गिरने की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 09 जून 22: सहरसा (सिमरी-बख्तियारपुर) में निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरा
  • 20 मई 22: फतुहा-पटना के पास 1884 में बना ब्रिटिशकालीन पुल बारिश में ढहा
  • 18 नवंबर 22: नालंदा में निर्माणाधीन सड़क पुल ध्वस्त
  • 16 जनवरी 23: दरभंगा का लोहे का पुल ओवरलोडेड ट्रक के गुजरने से गिरा
  • 19 फरवरी 23: बिहटा-सरमेरा (पटना) फोरलेन पुल गिरा
  • 19 मार्च 23: सारण जिले का पुराना सड़क पुल ध्वस्त
  • 04 जून 23: भागलपुर (सुल्तानगंज-अगुवानी) निर्माणाधीन पुल गिरा
  • 22 मार्च 24: सुपौल (कोसी नदी पर भारतमाला परियोजना) में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरा
  • 18 जून 24: अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना नया पुल गिरा
  • 3-4 जुलाई 24: चौबीस घंटे में सिवान और छपरा में पांच पुल गिरे

NewG Network

contact@newgindia.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें

कैटेगरीज़

हम वह खबरची हैं, जो खबरों के साथ खबरों की भी खबर रखते हैं। हम NewG हैं, जहां खबर बिना शोरगुल के है। यहां news, without noise लिखी-कही जाती है। विचार हममें भरपूर है, लेकिन विचारधारा से कोई खास इत्तेफाक नहीं। बात हम वही करते हैं, जो सही है। जो सत्य से परामुख है, वह हमें स्वीकार नहीं। यही हमारा अनुशासन है, साधन और साध्य भी। अंगद पांव इसी पर जमा रखे हैं। डिगना एकदम भी गवारा नहीं। ब्रीफ में यही हमारा about us है।

©2025 NewG India. All rights reserved.

Contact Us  |  Privacy Policy  |  Terms of Use