हर साल 38 करोड़ किलो CO₂ की बचत

रेलवे ने जीरो कार्बन लक्ष्य की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। हर वर्ष करीब 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी लाने की योजना तैयार की है। जो ​करीब 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है। 11वें वर्ष तक यह संख्या बढ़कर 16.5 करोड़ पेड़ों के बराबर होगी। साथ ही, 7.5 करोड़ लीटर डीजल की बचत भी संभव होगी। यह प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन बनने पर संभव होगा।

Share This Article:

नई दिल्ली: रतलाम-नागदा रेलखंड को जल्द नई रफ्तार मिलेगी। इस सेक्शन में अब तीसरी और चौथी लाइन निर्माण को मंजूरी मिल गई है। लिहाजा खजुराहो से ओंकारेश्वर तक का सफर आसान हो जाएगा। रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है। इस अवसर पर उज्जैन-अलोट के सांसद अनिल फिरोजिया उपस्थित थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े थे।

रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। 41 किलोमीटर लंबा रतलाम-नागदा रेल सेक्शन अब चार ट्रैकों वाला बन जाएगा, जिसकी कुल लागत 1,018 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

रतलाम जंक्शन की खासियत

रतलाम जंक्शन देश के उन महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में शामिल है, जहां से उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) की ओर सीधी रेल कनेक्टिविटी है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।

इस परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोजगार भी सृजित होगा। इसके अलावा यह रतलाम क्षेत्र से नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर एवं केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी गति और कुशलता आएगी।

खजुराहो से ओंकारेश्वर तक का सफर

परियोजना से खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नया बल मिलेगा।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए एक नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। इसके साथ ही रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन और नई ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी दी जा चुकी है। इनकी समय-सारणी तय हो चुकी है और ये जल्द शुरू की जाएंगी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह केवल एक नई सुविधा नहीं है, बल्कि यह विकास के एक नए युग का द्वार है। वास्तव में, आज मध्य प्रदेश का स्वर्णकाल चल रहा है।

Aprajita Sharan

aprajitasharan@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें

कैटेगरीज़

हम वह खबरची हैं, जो खबरों के साथ खबरों की भी खबर रखते हैं। हम NewG हैं, जहां खबर बिना शोरगुल के है। यहां news, without noise लिखी-कही जाती है। विचार हममें भरपूर है, लेकिन विचारधारा से कोई खास इत्तेफाक नहीं। बात हम वही करते हैं, जो सही है। जो सत्य से परामुख है, वह हमें स्वीकार नहीं। यही हमारा अनुशासन है, साधन और साध्य भी। अंगद पांव इसी पर जमा रखे हैं। डिगना एकदम भी गवारा नहीं। ब्रीफ में यही हमारा about us है।

©2025 NewG India. All rights reserved.

Contact Us  |  Privacy Policy  |  Terms of Use