नई दिल्ली: हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों तक चले तनावपूर्ण संघर्ष ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इजरायल को उम्मीद थी कि वह ईरान पर हमला करने के बाद आसानी से बच निकलेगा, लेकिन ईरान ने जवाबी कार्रवाई में बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार कर दी। इससे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की रणनीति पर सवाल उठने लगे।
इस संकट के बीच नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद मांगी। ट्रंप ने अमेरिका के अत्याधुनिक टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) सिस्टम को तैनात कर ईरान की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इस दौरान अमेरिका ने इजरायल की सुरक्षा के लिए 12 दिनों में करीब 800 मिलियन डॉलर (लगभग 6800 करोड़ रुपये) खर्च किए। आइए, जानते हैं कि THAAD सिस्टम आखिर है क्या और यह कैसे काम करता है।
THAAD: मल्टी-लेयर मिसाइल रक्षा प्रणाली
THAAD, यानी टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस, एक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो शॉर्ट, मीडियम और इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके टर्मिनल फेज (अंतिम चरण) में नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह सिस्टम मिसाइलों को जमीन पर पहुंचने से पहले ही हवा में मार गिराता है। THAAD को अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणालियों में सबसे उन्नत माना जाता है। यह अन्य रक्षा प्रणालियों जैसे Aegis और Patriot के साथ मिलकर एक मल्टी-लेयर रक्षा कवच बनाता है। इस सिस्टम में AN/TPY-2 रडार, ट्रक-माउंटेड लॉन्चर, इंटरसेप्टर मिसाइलें और एक फायर कंट्रोल यूनिट शामिल हैं। AN/TPY-2 रडार 1000 किलोमीटर तक की दूरी से मिसाइलों का पता लगाने और ट्रैक करने में सक्षम है।
150-200 किलोमीटर की रेंज और हाइपरसोनिक मिसाइलों पर निशाना
THAAD सिस्टम 150 से 200 किलोमीटर की रेंज में प्रभावी ढंग से काम करता है और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक मिसाइलों को नष्ट कर सकता है। यह सिस्टम हाइपरसोनिक गति वाली मिसाइलों को भी रोकने में सक्षम है। THAAD की खासियत यह है कि यह विस्फोटक वारहेड की बजाय काइनेटिक एनर्जी (हिट-टू-किल) तकनीक का उपयोग करता है, जिसमें इंटरसेप्टर मिसाइल सीधे टकराकर दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर देती है। अमेरिका ने इस सिस्टम को इजरायल, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में तैनात किया है ताकि इजरायल को ईरान और दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया के मिसाइल हमलों से बचाया जा सके।
इजरायल-ईरान संघर्ष में THAAD की भूमिका
ईरान द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल हमलों में THAAD ने इजरायल की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सिस्टम ने कई बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे इजरायल को बड़े नुकसान से बचाया गया। हालांकि, कुछ मौकों पर हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई मिसाइलों को रोकने में THAAD को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे इसके खिलाफ हाइपरसोनिक और मैन्यूवरेबल मिसाइलों की प्रभावशीलता पर सवाल उठे। फिर भी, THAAD ने इजरायल की मल्टी-लेयर रक्षा प्रणाली, जिसमें Arrow, David’s Sling और Iron Dome शामिल हैं, को मजबूती प्रदान की। इस दौरान अमेरिका ने अपनी मिसाइल आपूर्ति का 15-20% हिस्सा खर्च कर दिया, जिससे इसकी रणनीतिक सीमाओं और लागत पर भी चर्चा शुरू हो गई है।
आगे की चुनौतियां और रणनीति
THAAD की तैनाती से इजरायल को सुरक्षा तो मिली, लेकिन इसकी ऊंची लागत और सीमित स्टॉक ने अमेरिका के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। एक THAAD इंटरसेप्टर की कीमत करीब 12-15 मिलियन डॉलर है, और लगातार मिसाइल हमलों के खिलाफ इसका इस्तेमाल स्टॉक को तेजी से कम कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में THAAD को और उन्नत करना होगा ताकि यह हाइपरसोनिक और लो-फ्लाइंग मिसाइलों के खिलाफ भी प्रभावी हो सके। इसके साथ ही, इजरायल और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि क्षेत्रीय खतरों का सामना किया जा सके।