नई दिल्ली: चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों की एक संयुक्त शोध टीम ने पाया है कि बुजुर्गों के लिए साइकिल चलाना न केवल एक बेहतर परिवहन साधन है, बल्कि यह डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारी के खतरे को भी कम करता है। इस शोध के परिणाम जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के लगभग 4.8 लाख लोगों के स्वास्थ्य डेटा का 13 साल तक विश्लेषण किया।
अध्ययन में शामिल लोगों की औसत आयु 56.5 वर्ष
इस अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों की औसत उम्र लगभग 56.5 वर्ष थी, और ये लोग शुरुआत में स्वस्थ थे, जिनमें डिमेंशिया के कोई लक्षण नहीं थे। शोध का उद्देश्य यह समझना था कि विभिन्न परिवहन साधनों—जैसे पैदल चलना, बस से यात्रा करना, कार चलाना या साइकिल चलाना—का डिमेंशिया के जोखिम पर क्या प्रभाव पड़ता है।
साइकिल चलाने के मस्तिष्क पर प्रभाव
अध्ययन में यह सामने आया कि जो लोग नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा अन्य परिवहन साधनों का उपयोग करने वालों की तुलना में काफी कम था। साइकिल चलाने वालों के मस्तिष्क का हिप्पोकैम्पस हिस्सा, जो स्मृति और सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अधिक स्वस्थ और बेहतर आकार में पाया गया। शोध में यह भी पाया गया कि साइकिलिंग से अल्जाइमर, युवा आयु में होने वाला डिमेंशिया, और बुजुर्गों में होने वाले डिमेंशिया—all तीनों प्रकार के डिमेंशिया का जोखिम कम हुआ।
वैज्ञानिकों ने यह भी देखा कि जिन लोगों में APOE ε4 जेनेटिक वेरिएंट नहीं था, उन्हें साइकिल चलाने से अधिक लाभ मिला। हालांकि, इस जेनेटिक वेरिएंट वाले लोगों को भी कुछ हद तक फायदा हुआ, लेकिन यह अपेक्षाकृत कम था। शोधकर्ताओं का कहना है कि साइकिल चलाना केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि यह रास्तों को पहचानने और मस्तिष्क को सक्रिय रखने में भी मदद करता है, जिससे डिमेंशिया का जोखिम कम होता है।
अन्य स्वास्थ्य लाभ
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, जो लोग अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं, वे न केवल शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ रहते हैं, बल्कि उनकी जीवन प्रत्याशा भी बढ़ती है। इस शोध में पाया गया कि साइकिल से यात्रा करने वालों में मृत्यु दर में 13% की कमी देखी गई। यह शारीरिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है।
निष्कर्ष
यह शोध इस बात को रेखांकित करता है कि साइकिल चलाना न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह बुजुर्गों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित साइकिलिंग से न केवल डिमेंशिया का खतरा कम होता है, बल्कि यह लंबे और स्वस्थ जीवन की संभावना को भी बढ़ाता है।