नई दिल्ली: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल (Iran vs Israel) के बीच तनाव चरम पर है, और दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों ने युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। हाल ही में इजराइल ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने भी इजराइल पर मिसाइलें दागीं। इन हमलों से दोनों देशों को जान-माल का नुकसान हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि मध्य पूर्व के इन दो शक्तिशाली देशों में कौन अधिक ताकतवर है? किसके पास ज्यादा मिसाइलें हैं, और अगर पूर्ण युद्ध छिड़ता है तो कौन किस पर भारी पड़ सकता है?
सैन्य रैंकिंग और समग्र ताकत
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के अनुसार, सैन्य रैंकिंग में ईरान 14वें स्थान पर है, जबकि इजराइल 17वें स्थान पर। हालांकि, इजराइल अपनी अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों के दम पर मध्य पूर्व में एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरता है। दूसरी ओर, ईरान की विशाल जनसंख्या और सैन्य संसाधन उसे क्षेत्रीय ताकत बनाते हैं। दोनों देशों की ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करने पर कुछ क्षेत्रों में इजराइल आगे दिखता है, तो कुछ में ईरान का पलड़ा भारी है।
जनसंख्या और क्षेत्रफल
ईरान की जनसंख्या लगभग 9 करोड़ है, जो इजराइल की 90 लाख की आबादी से करीब 10 गुना अधिक है। क्षेत्रफल के मामले में भी ईरान (16,30,848 वर्ग किमी) इजराइल (22,000 वर्ग किमी) से कहीं बड़ा है। यह ईरान को संसाधनों और रणनीतिक गहराई के मामले में लाभ देता है।
सैन्य बल की तुलना
ईरान की सेना में नियमित सशस्त्र बल, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC), और साइबर युद्ध ईकाईयां शामिल हैं। ईरान के पास 6 लाख सक्रिय सैनिक और 2 लाख IRGC जवान हैं, साथ ही 3.5 लाख रिजर्व सैनिक और 2.2 लाख अर्धसैनिक बल। इसके विपरीत, इजराइल के पास 1.7 लाख सक्रिय सैनिक, 4.65 लाख रिजर्व सैनिक, और 35,000 अर्धसैनिक बल हैं। संख्या के लिहाज से ईरान की सेना बड़ी है, लेकिन इजराइल की सेना अत्याधुनिक प्रशिक्षण और उपकरणों से लैस है।
नौसेना की ताकत
नौसेना के मामले में ईरान का दबदबा है। उसके पास 101 नौसैनिक संपत्तियां हैं, जिनमें 7 फ्रिगेट और 19 पनडुब्बियां शामिल हैं। इजराइल के पास 67 नौसैनिक संपत्तियां हैं, जिनमें 5 पनडुब्बियां हैं, लेकिन कोई फ्रिगेट नहीं। दोनों देशों के पास विमानवाहक पोत नहीं हैं। इस क्षेत्र में ईरान की स्थिति मजबूत दिखती है।
वायु रक्षा प्रणाली
इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली विश्व की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक है। इसका आयरन डोम सिस्टम छोटी दूरी के रॉकेटों को रोकने में प्रभावी है, जबकि डेविड्स स्लिंग मध्यम दूरी की मिसाइलों और एरो-2/3 लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके विपरीत, ईरान की वायु रक्षा प्रणाली अपेक्षाकृत कमजोर है, और हाल के इजराइली हमलों में इसके कई हिस्से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मिसाइल
ईरान: ईरान का मिसाइल कार्यक्रम मध्य पूर्व में सबसे बड़ा और विविध है। उसके पास करीब 3,000 बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें हैं। प्रमुख मिसाइलों में शामिल हैं:
शाहाब-3: 2,000 किमी रेंज, मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल।
फतेह-110: 300 किमी रेंज, सटीक हाइपरसोनिक मिसाइल, 5 मैक गति।
खायबर शेकान: 1,450 किमी रेंज, उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल।
हाइपरसोनिक मिसाइल: 1,400 किमी रेंज, 13-15 मैक गति, जो रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है।
ईरान के पास शाहेद-136 जैसे कामिकेज ड्रोन भी हैं, जो कम लागत में प्रभावी हमले कर सकते हैं।
इजराइल: इजराइल के पास मिसाइलों की संख्या ईरान से कम है, लेकिन ये तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हैं।
प्रमुख मिसाइलें:
जेरिको-3: 4,800 किमी रेंज, परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)।
लोरा: 280 किमी रेंज, जमीन और हवा से हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल।
स्पाइस: 2000, डेलिला, पायथन सीरीज: सटीक गाइडेड मिसाइलें, जो सर्जिकल स्ट्राइक के लिए उपयुक्त हैं।
हार्पून: अमेरिकी निर्मित एंटी-शिप क्रूज मिसाइल।
वायुसेना
इजराइल की वायुसेना में 612 विमान हैं, जिनमें 241 फाइटर जेट (F-35 और F-16 सहित), 146 हेलीकॉप्टर, और 48 हमलावर हेलीकॉप्टर शामिल हैं। ईरान के पास 551 विमान हैं, जिनमें 186 फाइटर जेट, 129 हेलीकॉप्टर, और केवल 13 हमलावर हेलीकॉप्टर हैं। इजराइल की वायुसेना तकनीकी रूप से अधिक उन्नत है, खासकर अमेरिकी F-35 जेट्स के कारण।
युद्ध की स्थिति में कौन भारी?
ईरान की ताकत: विशाल मिसाइल भंडार, बड़ी सेना, और प्रॉक्सी समूह (जैसे हिजबुल्लाह) के माध्यम से अप्रत्यक्ष युद्ध की क्षमता। हालांकि, उसकी वायु रक्षा और वायुसेना अपेक्षाकृत कमजोर हैं।
इजराइल की ताकत: अत्याधुनिक तकनीक, मजबूत वायु रक्षा, और सटीक हमले की क्षमता। उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद और F-35 जैसे उपकरण उसे रणनीतिक बढ़त देते हैं।
कमजोरियां: ईरान की पुरानी वायुसेना और कमजोर रक्षा प्रणाली उसे नुकसान पहुंचा सकती है। इजराइल की छोटी जनसंख्या और सीमित क्षेत्रफल उसे लंबे युद्ध में नुकसान पहुंचा सकता है।
निष्कर्ष
मिसाइलों की संख्या में ईरान का दबदबा है, लेकिन इजराइल की मिसाइलें अधिक उन्नत और सटीक हैं। इजराइल की वायु रक्षा और वायुसेना ईरान से बेहतर है, जबकि ईरान की नौसेना और सैनिकों की संख्या उसे लाभ देती है। पूर्ण युद्ध की स्थिति में इजराइल की तकनीकी श्रेष्ठता और अमेरिकी समर्थन उसे बढ़त दे सकता है, लेकिन ईरान की मिसाइल क्षमता और प्रॉक्सी युद्ध रणनीति इजराइल के लिए गंभीर चुनौती पेश कर सकती है। मध्य पूर्व में युद्ध की स्थिति वैश्विक स्थिरता के लिए खतरनाक होगी, और दोनों देशों के लिए भारी नुकसान का कारण बन सकती है।