नई दिल्ली: हर इंसान की जिंदगी में कुछ चीजें खास होती हैं, जैसे पहला प्यार, पहला घर, या पहली कार। अभिनेता पंकज त्रिपाठी के लिए उनकी पहली कार, एक ह्यूंडई, न सिर्फ एक सवारी थी, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की गवाह भी। हाल ही में पंकज ने इस कार से जुड़ा एक रोचक किस्सा साझा किया। खास बात यह है कि 2009 में खरीदी गई इस कार के ब्रांड के वे अब, 16 साल बाद, ब्रांड एंबेसेडर बन गए हैं। यह उनके लिए गर्व और यादगार पल है।
पंकज ने अपने करियर के शुरुआती दिनों की एक मजेदार कहानी सुनाई। 2009 में एक फिल्म के ऑडीशन के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या वे गाड़ी चला सकते हैं। रोल पाने की चाह में पंकज ने, बिना ड्राइविंग सीखे, झूठ बोलकर हां कह दिया। उनका झूठ रंग लाया और रोल मिल गया। लेकिन अब चुनौती थी कि बिना ड्राइविंग जाने वे शूटिंग कैसे करेंगे। इस मुश्किल से निपटने के लिए पंकज ने फौरन ड्राइविंग सीखना शुरू किया।
ड्राइविंग क्लासेस के दौरान पंकज ने अपने इंस्ट्रक्टर से पूछा कि उनकी ड्राइविंग कैसी है। इंस्ट्रक्टर ने जवाब दिया, “ड्राइविंग ठीक है, लेकिन असली मजा तब आएगा जब तुम अपनी कार खरीदोगे।” इस बात ने पंकज को प्रेरित किया। उन्होंने लोन लेकर और परिवार की सलाह से लाल रंग की ह्यूंडई कार खरीदी। यह कार उनके लिए सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि भाग्यशाली भी साबित हुई। इसने उनके करियर के कई सुनहरे पड़ाव देखे।
आज, 16 साल बाद, उसी ह्यूंडई ब्रांड का चेहरा बनना पंकज के लिए उनकी मेहनत, लगन और सादगी का प्रतीक है। यह कहानी उनके संघर्ष, हौसले और सफलता की मिसाल है। पंकज की यह यात्रा न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटे-छोटे कदम बड़े सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।