नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक ‘शोले’ (Sholay) जल्द ही एक नए रूप में दर्शकों के सामने होगी। इस बार फिल्म को अनकट संस्करण में रिलीज किया जा रहा है, जिसमें वे दृश्य शामिल हैं जो पहले सिनेमाघरों में दिखाए गए वर्जन से हटा दिए गए थे। फिल्म अपनी 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 27 जून को इटली के ‘इल सिनेमा रिट्रोवाटो फेस्टिवल’ में वर्ल्ड प्रीमियर के साथ वापसी कर रही है।
डिलीटेड सीन और नया क्लाइमेक्स
निर्माताओं ने ‘शोले’ के उन अनदेखे दृश्यों को फिर से जोड़ा है, जो पहले काट दिए गए थे। सबसे बड़ा बदलाव फिल्म के अंत में देखने को मिलेगा। सिप्पी फिल्म्स के निर्माता शहजाद सिप्पी ने बताया, “हमें ‘शोले’ के मूल अंत और हटाए गए कुछ खास दृश्यों को खोजने में तीन साल का समय लगा। अब ये दृश्य पहली बार दर्शकों के सामने आएंगे। इस प्रीमियर के जरिए हम अपने दादाजी जी.पी. सिप्पी की विरासत को सम्मान देना चाहते हैं।”
अमिताभ और धर्मेंद्र की भावनाएं
अमिताभ बच्चन ने ‘शोले’ को याद करते हुए कहा, “यह फिल्म मेरे लिए हमेशा खास रहेगी। शूटिंग के दौरान हमें नहीं पता था कि यह भारतीय सिनेमा में इतिहास रचेगी। शुरुआत में इसे असफल माना गया, लेकिन बाद में इसने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। यह अनुभव मेरे लिए बेहद भावुक करने वाला था।” वहीं, धर्मेंद्र ने कहा, “मेरे लिए ‘शोले’ दुनिया का सबसे अनमोल तोहफा है। मुझे खुशी है कि इसे फिर से बड़े पर्दे पर लाया जा रहा है। सलीम-जावेद के डायलॉग और रमेश सिप्पी का निर्देशन आज भी बेमिसाल है।” धर्मेंद्र ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें पहले गब्बर और ठाकुर का किरदार ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने वीरू का रोल चुना क्योंकि वह उनके व्यक्तित्व से मेल खाता था। उनके पसंदीदा दृश्यों में टंकी वाला सीन, मंदिर वाला सीन और जय की मृत्यु का दृश्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, “जय की मौत का सीन आज भी मेरे दिल में बसा है।”
‘शोले’ की कहानी
‘शोले’ सलीम-जावेद की लिखी एक ऐसी कहानी है, जिसमें दोस्ती, बदला, और रोमांच का अद्भुत मिश्रण है। यह कहानी ठाकुर बलदेव सिंह की है, जो रामगढ़ गांव में आतंक मचाने वाले डाकू गब्बर सिंह को पकड़ने के लिए दो छोटे अपराधियों, वीरू और जय, को नियुक्त करता है। फिल्म में एक्शन, हास्य, रोमांस और ट्रैजडी का तालमेल है, जिसे आरडी बर्मन के संगीत ने और खास बनाया। फिल्म में संजीव कुमार, हेमा मालिनी, जया भादुड़ी और अमजद खान जैसे सितारे हैं। 2002 में ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट के सर्वेक्षण में इसे सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म चुना गया और 1999 में बीबीसी इंडिया ने इसे ‘मिलेनियम की फिल्म’ का खिताब दिया।