नई दिल्ली: विनोद खन्ना बॉलीवुड के सबसे आकर्षक और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक थे। इन्होंने कुर्बानी, अमर अकबर एंथनी और चांदनी जैसी सुपरहिट फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता। अपने करियर के चरम पर वह न केवल अपने अभिनय, बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी सुर्खियों में रहे। उन्होंने दो शादियां की और दोनों ही उनके जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। आइए, उनके जीवन, करियर और दूसरी शादी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
करियर के शिखर पर लिया सन्यास
विनोद खन्ना ने 1971 में गीतांजलि से पहली शादी की, जिससे उनके दो बेटे, राहुल और अक्षय खन्ना, हुए। दोनों बेटों ने बाद में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। लेकिन 1985 में, करीब 14 साल बाद, विनोद ने गीतांजलि से तलाक ले लिया। इसका कारण था उनका आध्यात्मिक रुझान। उस समय वह अपने करियर के शीर्ष पर थे, लेकिन उन्होंने सब कुछ छोड़कर अमेरिका में ओशो के आश्रम में समय बिताना शुरू किया। इस फैसले ने बॉलीवुड और उनके प्रशंसकों को हैरान कर दिया। उस दौर में उनकी फिल्में लगातार हिट हो रही थीं, और अगर वह इंडस्ट्री छोड़कर नहीं जाते, तो शायद आज वह अमिताभ बच्चन की तरह सक्रिय होते।
दूसरी शादी और नया अध्याय
आश्रम में समय बिताने के बाद विनोद खन्ना की मुलाकात कविता से हुई। दोनों के बीच धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ीं और प्यार हो गया। जब विनोद ने कविता से शादी की बात की, तो कविता ने मजाक में कहा कि वह एक अच्छे इंसान की तलाश में हैं। विनोद ने मौके का फायदा उठाया और उन्हें प्रपोज कर दिया। कविता ने हामी भर दी, लेकिन उनके परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, क्योंकि कविता विनोद से 14 साल छोटी थीं। फिर भी, कविता ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर विनोद से शादी कर ली। इस शादी से उनके दो बच्चे हुए—साक्षी और श्रद्धा खन्ना।
सौतेले बच्चों से कविता का रिश्ता
कविता का अपने सौतेले बेटों, अक्षय और राहुल, के साथ रिश्ता काफी अच्छा रहा। उन्होंने परिवार को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई। विनोद खन्ना ने बाद में फिल्मों में वापसी की, लेकिन 2017 में कैंसर के कारण उनका निधन हो गया। उनकी पहली पत्नी गीतांजलि का निधन भी 2018 में हुआ। विनोद को आखिरी बार फिल्म गंस ऑफ बनारस (2020) में देखा गया, जो उनकी मृत्यु के बाद रिलीज हुई। उनके निधन के बावजूद, उनकी फिल्में और उनकी जिंदगी की कहानी आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।