नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव, खासकर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इस माहौल में भारतीय जनता में पाकिस्तानी कलाकारों के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है। इसका कारण यह है कि ये कलाकार भारत में तो खूब लोकप्रियता हासिल करते हैं, लेकिन पहलगाम हमले पर चुप रहे और ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ बोलते नजर आए।
इस गुस्से का असर अब दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) की फिल्म सरदारजी 3 पर भी पड़ रहा है, जिसमें पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर (Hania Aamir) की कास्टिंग पहले ही हो चुकी थी। दिलजीत, जो एक बड़े सितारे हैं, को भी जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी, फिल्म के निर्माताओं के पास कानूनी रास्ता है, जो उनकी फिल्म को रिलीज कराने और विरोध को शांत करने में मदद कर सकता है।
पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध का इतिहास
2016 में उरी हमले के बाद फिल्म संगठनों ने पहली बार पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद और सख्त कर दिया गया। हालांकि, पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में विदेश में शूट होने वाली फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी बनी रही। सरदारजी 3 में हानिया आमिर की कास्टिंग भी पहले हो चुकी थी, लेकिन अब यह फिल्म विवादों में घिर गई है।
कानूनी रास्ता: कोर्ट का रुख
पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध की मांग को लेकर 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने सरकार से मांग की थी कि भारतीयों, कंपनियों और संगठनों को पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने से रोका जाए। कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी मांग सांस्कृतिक एकता और शांति को नुकसान पहुंचा सकती है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि देशभक्ति के लिए पड़ोसी देशों के लोगों का विरोध जरूरी नहीं है। यह फैसला दर्शाता है कि कानूनन पाकिस्तानी कलाकारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना मुश्किल है।
फिल्मों पर प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट का रवैया
फिल्मों पर प्रतिबंध के मामले में भी कोर्ट का रुख स्पष्ट रहा है। 2022 में ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर प्रतिबंध की मांग को बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि फिल्म सामाजिक सद्भाव को नुकसान नहीं पहुंचाती। इसी तरह, ‘द केरल स्टोरी’ पर पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रतिबंध लगाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया और तमिलनाडु में फिल्म की सुरक्षित स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने का आदेश दिया। हाल ही में, कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ पर कर्नाटक में लगे प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया और कहा कि सेंसर बोर्ड से प्रमाणित किसी भी फिल्म को रिलीज होने से नहीं रोका जा सकता।
‘सरदारजी 3’ के लिए कानूनी रास्ता
‘सरदारजी 3’ को लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से सर्टिफिकेट मिला है या नहीं। हाल ही में एक संगठन ने CBFC को पत्र लिखकर फिल्म का सर्टिफिकेट रोकने की मांग की थी। अगर फिल्म CBFC के पास भेजी गई है और सर्टिफिकेट में देरी हो रही है, तो निर्माता हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं, जैसा कि कंगना रनौत ने अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए किया था। अगर फिल्म को सर्टिफिकेट मिल चुका है, तो कोर्ट के पिछले फैसलों के आधार पर इसे रिलीज करने से रोकना कानूनन गलत होगा। अगर सर्टिफिकेट खारिज हुआ है, तो भी निर्माता कानूनी रास्ते अपनाकर अपनी फिल्म की रिलीज सुनिश्चित कर सकते हैं।