पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार के आयोग के पुनर्गठन में एनडीए नेताओं के रिश्तेदारों को जगह दिए जाने के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में किया था। प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने जमाई आयोग के गठन की सलाह दे डाली है। यही नहीं, तेजस्वी के इसका एक वीडियो जारी किया है। इसमें कटाक्ष की शैली में पूरे मामले की संगीतबद्ध प्रस्तुति की गई है।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के नेताओं के परिवार के सदस्यों को सरकार ने आयोगों में एडजस्ट किया गया है। अलग-अलग आयोगों में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के दामादों की नियुक्ति हुई है। तेजस्वी के मुताबिक, रामविलास पासवान के दामाद मृणाल पासवान, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को सरकार ने सरकारी आयोग व बोर्ड में जगह दी है। मामले में तंज कसते हुए प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि बिहार में जमाई आयोग का गठन कर देना चाहिए।
जमाई आयोग बनाने के बाद PM और CM को अब “जीजा आयोग” भी बनवा देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री के जीजा, बिहार सरकार के मंत्री के जीजा, सांसद के पति इत्यादि अनेक लोग 2,60,000₹ लाख सैलरी प्रति माह पाने के लिए आयोगों में ठूंसे जा रहे है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 17, 2025
मुख्यमंत्री की अचेत अवस्था “भूंजा पार्टी” के लिए… pic.twitter.com/nrFsAmvt3N
तेजस्वी ने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा पर साधा निशाना
तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, संजय झा की दोनों बेटियों को बिना किसी विशेष कार्य अनुभव के सुप्रीम कोर्ट में ग्रुप-ए पैनल काउंसिल बनाया गया है। उनका सवाल था, जदयू के कितने दलित, पिछड़े और अति-पिछड़े नेताओं, सांसदों, मंत्रियों या कार्यकर्ताओं के बेटे-बेटियों को यह विशेषाधिकार प्राप्त है कि वे बिना अनुभव के ऐसी उपलब्धि हासिल कर लें? यह कैसे हुआ? किस बात की डीलिंग हुई? तेजस्वी का कहना है कि इस तरह की नियुक्तियां मेरिट और पारदर्शिता की अनदेखी करती हैं। इससे समाज के वंचित वर्गों का हक छिनता है।
जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय झा जी की दोनों सुपुत्रियों को सुप्रीम कोर्ट में एक ही दिन 𝐆𝐫𝐨𝐮𝐩-‘𝐀’ 𝐏𝐚𝐧𝐞𝐥 𝐂𝐨𝐮𝐧𝐬𝐞𝐥 बनवा दिया जाता है जिन्हें कोई विशेष कार्य अनुभव भी नहीं है।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) June 16, 2025
जदयू के कितने दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े नेताओं, सांसदों, मंत्रियों अथवा… pic.twitter.com/lBjpsEgfh1
नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी ने किया तेजस्वी पर पलटवार
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने जवाब दिया है कि तेजस्वी यादव को अपने पिता का कार्यकाल देखना चाहिए और पूछना चाहिए कि उस दौरान मामा आयोग क्यों नहीं बनाया गया था? आगे कहा कि तेजस्वी यादव परिवारवाद पर कैसे बोल सकते हैं? उनके माता-पिता मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे खुद विपक्ष के नेता हैं। उनके भाई तेज प्रताप विधायक हैं। उनकी एक बहन डॉ. मीसा भारती लोकसभा की सांसद हैं। दूसरी बहन डा. रोहिणी आचार्य को लोकसभा में उम्मीदवार बनाया गया था। वह चुनाव हार गईं। तेजस्वी यादव के दो मामा लोकसभा और राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं।
आरएसएस कोटा से धार्मिक बोर्ड के सदस्य बने है कुणाल
अशोक चौधरी ने अपने दामाद सायन कुणाल को धार्मिक बोर्ड के सदस्य बनने को लेकर साफ किया कि सायन कुणाल जेडीयू कोटा से नहीं आए हैं, सायन कुणाल आरएसएस को कोटा से आए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सायन को मेरे दामाद की हैसियत से नहीं बनाया है, संघ के कोटा से किशोर कुणाल के बेटा के तौर पर आए हैं। बिहार धार्मिक ट्रस्ट बोर्ड से 4800 मंदिर और मठ रजिस्टर्ड हैं और बोर्ड इनकी संपत्ति की देखरेख और संचालन करता है।