पटना: मनीष कश्यप इन दिनों भाजपा से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि बिहार के लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में नहीं जाना चाहिए। भाजपा से नाराजगी के बीच मनीष कश्यप की फोटो जनसुराज के उपाध्यक्ष वाईवी गिरी के साथ वायरल हो रही है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि मनीष कश्यप जन सुराज में शामिल होंगे।
मनीष कश्यप अपने बयानों और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। बीते 19 मई को मनीष कश्यप खुद की पिटाई को लेकर काफी चर्चा मे रहे। बताया जा रहा है कि मनीष एक मरीज की पैरवी करने अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉक्टरों से हुई बहस ने तूल पकड़ लिया। मामला हाथापाई तक जा पहुंचा।
इसके बाद मनीष कश्यप ने जो सोचा नहीं था वो उनके साथ हो गया। जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के रूम में बंद कर मारपीट की। मनीष कश्यप की जान स्थानीय पुलिस ने बचाई। इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने मनीष कश्यप का साथ नहीं दिया। उनसे दूरियां बना लीं। इससे खफा होकर मनीष कश्यप ने पहले तो लोगों से मोदी की रैली में नहीं जाने की अपील कर डाली। फिर, जनसुराज के उपाध्यक्ष से मुलाकात करके ये स्पष्ट कर दिया है कि आगे वह प्रशांत किशोर का बस्ता ढोयेगे।
सनद रहे कि जनसुराज का चुनाव निशान स्कूल बैग है, जिसे बोलचाल की भाषा में बस्ता कहा जाता है।
मनीष कश्यप का बयान
मुलाकात पर मनीष कश्यप ने बताया कि वह वाईवी गिरी से मुलाकात करने गए थे। वह सीनियर एडवोकेट हैं, हम लोगों के गार्जियन हैं। ऐसा नहीं है कि उनसे पहली मुलाकात है। अभी जनसुराज में शामिल होने का कुछ सोचा नहीं है। मनीष कश्यप ने बताया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मेरे चाहने वालों की ख्वाहिश है कि मैं चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूं। इसलिए चनपटिया से चुनाव लड़ेंगे यह तय कर लिया है। बैनर अभी पता नहीं है।
मनीष कश्यप कौन?
आपको बताते चलें कि मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी तिवारी है। उनकी पहचान एक यूट्यूबर और समाजसेवी की है। वह अक्सर बिहार से जुड़े विषयों पर वीडियो बनाते हैं। उनके वीडियो हिंदी भाषी क्षेत्रों में काफी पसंद किए जाते हैं। पुणे से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक नौकरी की। इसके बाद बिहार के स्थानीय मुद्दों को सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे और धीरे-धीरे उनका यूट्यूब चैनल बड़ा होता गया। सच तक नाम का उनका चैनल सबसे ज्यादा तब चर्चा में आया, जब उन्होंने मारपीट का एक वीडियो शेयर किया। कश्यप ने लिखा कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है।
मनीष कश्यप पर लगा था रासुका
तमिलनाडु मामले में वायरल वीडियो के चलते मनीष कश्यप मुश्किल में फंस गए थे। तमिलनाडु पुलिस ने उनके वीडियो को पूरी तरह से फर्जी बताया। बिहार के बेतिया में उनके खिलाफ सात मामले दर्ज हुए और तमिलनाडु में भी कई मामले दर्ज किए गए। मनीष के खिलाफ बीजेपी विधायक के साथ मारपीट का भी केस दर्ज हुआ। इसके बाद वह छिप गए। पुलिस ने उनके घर की कुर्की शुरू की तो उन्होंने सरेंडर किया और नौ महीने तक जेल मे रहे। तमिलनाडु पुलिस ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
भाजपा छोड़ने का ऐलान
मनीष कश्यप ने 28 मार्च 2025 को बीजेपी को छोड़ने का फैसला किया था। यह फैसला अपने यूट्यूब चैनल पर महिलाओं की पिटाई की खबर चलाने के बाद एफआईआर दर्ज होने से नाराजगी के बाद आया था। लेकिन मनीष कश्यप ने ना तो तब भाजपा से इस्तीफा दिया और ना ही गिरफ्तार हुए थे।
सांसद सह अभिनेता मनोज तिवारी ने करवाया था भाजपा ज्वाइन
मनीष कश्यप को 25 अप्रैल 2024 को बीजेपी में शामिल करवाया गया था। जेल से छूटने के बाद मनीष कश्यप, पश्चिमी चंपारण बेतिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। इसके बाद बीजेपी को पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट पर नुकसान होने की आशंका हुई। इसके बाद मनोज तिवारी को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया। मनीष कश्यप को बीजेपी में शामिल करने का पूरा श्रेय भाजपा नेता मनोज तिवारी को जाता है।