पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी कुछ माह का वक्त बचा है। हर नेता अपना टिकट सुनिश्चित करने की होड़ में है। संदेह होने पर वह दूसरी पार्टियों में भी संभावना तलाश रहे हैं। नतीजा दल-बदल के तौर पर दिखा रहा है। दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों जनता दल यूनाइटेड (JDU) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कई नेता अब तक पाला बदल चुके हैं। वहीं, कई नेताओं को जनसुराज से आस है। राजनीतिक विशेषज्ञों मानते हैं कि दल-बदल का सिलसिला आने वाले समय में तेज होगा।
जदयू व राजद के कद्दावर नेता बदल सकते पाला
चुनावी वर्ष में जदयू व राजद के बड़े नेताओं के नाम सियासी गलियारे में चर्चा में हैं। जदयू से दो दिग्गज विधायक व एक नेत्री के बारे में बताया जा रहा है कि उनकी बातचीत आखिरी दौर में है। जल्द ही वह राजद में शामिल हो सकते हैं। दूसरी तरफ राजद से भी दो विधायकों, जिसमें एक महिला विधायक हैं, उनको भी पाला बदलना वक्त की बात है। जल्द ही दोनों जदयू में शामिल हो सकते हैं।
दलों में बड़ी टूट की है आशंका
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि प्रदेश की सियासत में उथल-पुथल होनी है। बनते-बिगड़ते गठबंधन, नेताओं का इधर से उधर जाना और चुनावी जीत पक्की करने के लिए बड़ी संख्या में विधायक पाला बदलने को तैयार हैं। जिस दल में वे जाना चाहते हैं, बस वे दल प्रमुख का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही हरी झंडी मिली की पलक झपकते ही एक को छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएंगे। पाला बदलने वालों में कुछ अनुभवी तो कुछ नए चेहरे के होने की चर्चा है।
दल बदलने कि राजनीति में इन नेताओं कि होती चर्चा
पाला बदलने में बिहार के कुछ नेता इस कदर चर्चित हो चुके हैं। इसमें सबसे चर्चित चेहरा नागमणि का है। अपनी पार्टी बना चुके हम सुप्रीमो पूर्व सीएम केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी कई दलों में आ-जा चुके हैं। जदयू, भाजपा और अपनी पार्टी बनाते हुए जनसुराज पहुंचे आसीपी सिंह भी इसी लाइन में हैं। इसी कड़ी में बीजेपी नेता उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भगवान सिंह कुशवाहा, अरुण कुमार, लवली आनंद, महाचंद्र प्रसाद सिंह सरीखे कई नेता हैं।