UPSC CSE: PT में 86 अंक की दरकार

हर साल की तरह इस साल भी यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में लाखों छात्र शामिल हुए। ट्रिकी प्रश्नों ने उन्हें खूब उलझाया। चयन के लिए इस साल का कटऑफ 85-86 अंक जाने की उम्मीद है।

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नई दिल्ली: यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा रविवार देश भर में आयोजित हुई। न्यूजी की टीम ने अलग-अलग सेंटर पर जाकर प्रतिभागियों से बात की। उनका कहना था कि जीएस पेपर आसान था। इतिहास के प्रश्नों ने भी परेशान नहीं किया। जनरल स्टडीज-1 देखते ही राहत की सांस लगी। 2024 की तुलना में प्रश्न पत्र आसान था। पर्यावरण, राजनीति विज्ञान के प्रश्न अपेक्षाकृत सरल और स्कोरिंग है। वहीं, रीजनिंग ट्रिकी था। क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड में फॉर्मूला से जुड़े सवाल ज्यादा था। कॉम्प्रिहेंशन में वक्त ज्यादा लग गया।

मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट जाए छात्र-मणिकांत सिंह

प्रश्नों की प्रकृति, परीक्षा के स्तर के विषय में बेहतर जानकारी के लिए द स्टडी के संस्थापक निदेशक मणिकांत सिंह अपनी टीम के साथ वार्ता कर प्रश्न पत्र का  निष्कर्ष हासिल करने का प्रयत्न किए। उनका मानना है कि प्रश्न-पत्र सरल है। लेकिन सामान्‍य नहीं। स्वरूप बहुआयामी है। इसे हल करने के लिए अभ्यर्थियों में समझ होनी चाहिए। इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण होना चाहिए। जहां तक  प्रश्नों की प्रकृति और परीक्षा के मानक का सवाल है, तो UPSC ने हमेशा प्रश्नों के स्‍तर और परीक्षा के मानक को बनाकर रखा है। इस बार के प्रश्‍न भी स्‍तरीय हैं परंतु बहुत कठिन नहीं हैं। इन प्रश्नों को हल करने के लिए एक निश्चित स्तर की समझ चाहिए।

द स्टडी के संस्थापक निदेशक मणिकांत सिंह
मणिकांत सिंह, संस्थापक निदेशक, द स्टडी

वहीं द स्टडी टीम के सदस्य व अर्थव्यवस्था विषय विशेषज्ञ आयुष सांघी का मानना है कि जब तक अवधारणा स्पष्ट नहीं हो, तो परंपरागत दिखने वाले प्रश्न भी हल करना कठिन है। किसी भी प्रश्न के तीन और चार विकल्पों में एक-दो विकल्प अति सामान्य दिखते हैं, परंतु अन्य विकल्पों को हल करने के लिए समझ एवं मानसिक सावधानी व एकाग्रता की आवश्यकता है।

आसान प्रश्नों को जटिल बनाया-रोहित लोढा

भूगोल के प्रश्नों पर द स्टडी टीम के विशेषज्ञ रोहित लोढा का कहना है कि प्रश्न-पत्र विगत वर्ष की तुलना में आसान प्रतीत हुआ। प्रश्नों की बहुआयामी विशेषता बनी रही। आसान प्रश्नों को जटिल बनाने का प्रयास जारी रहा, जिससे अभ्‍यर्थियों के बीच शीघ्रता से स्तर भेद ज्ञात किया जा सके।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी विशेषज्ञ सौरभ जैन की राय है कि पूरी बात अवधारणा की स्‍पष्‍टता (Conceptual Clarity) पर निर्भर करती है क्‍योंकि जो प्रश्‍न हमें तथ्‍यपरक (Fact Based) दिखते हैं, उसे भी याद रखने का एकमात्र तरीका अवधारणा के साथ जोड़कर देखना है। संविधान एवं राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ आरपी सिंह प्रश्‍नों की प्रकृति पर कहते है कि पिछले साल की तुलना में प्रश्‍न आसान प्रतीत होते हैं। 13 प्रश्‍न सीधे संविधान से हैं, जिन्‍हें हल करना कठिन नहीं है, जबकि 3 प्रश्‍न थोड़े कठिन हैं।

न्यूजी इंडिया ने द स्टडी के संस्थापक निदेशक मणिकांत सिंह से निष्कर्ष विचार मांगा

अंत में जब न्यूजी इंडिया ने द स्टडी के संस्थापक निदेशक मणिकांत सिंह से निष्कर्ष विचार मांगा, तो उनका कहना है कि प्रश्‍न आसान किंतु ट्रिकी हैं। सिविल सेवा परीक्षा का अपना मानक है, जो प्रश्न हमें बाहर से आसान दिखते हैं, वे परीक्षार्थियों के लिए कठिन हो जाते हैं, जिसका कारण मनोवैज्ञानिक दबाव है। इसलिए कुल मिलाकर प्रारंभिक परीक्षा में चयन हेतु 85-86 अंक प्राप्त करना पर्याप्‍त होगा।

Aprajita Sharan

aprajitasharan@gmail.com

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