पटना: मुजफ्फरपुर के कुढ़नी की रेप पीड़िता नाबालिग बच्ची की मौत मामले को नीतीश सरकार संज्ञान में लिया है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में माना गया है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आई है। जिम्मेदार डॉक्टरों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया। ऐसे में तत्काल प्रभाव से पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत को पद से हटा दिया गया है।
इसके साथ ही इसी मामले में एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर की डॉ. विभा रानी को भी सस्पेंड कर दिया गया है। आदेश में लिखा गया है कि दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया पाया गया कि श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल मुजफ्फरपुर के अधीक्षक ने रेफरल पॉलिसी का अनुपालन नहीं किया। इस मामले में उन्होंने अपने कर्तव्यों का ठीक तरीके से पालन नहीं किया। साथ ही पीड़िता के इलाज में घर संवेदनहीनता बरती। इसके लिए डॉ. विभाग कुमारी को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।


26 मई को नाबालिग से था हुआ रेप
बता दें कि 26 मई को मुजफ्फरपुर में 9 साल की दलित नाबालिग लड़की से बलात्कार हुआ था। आरोपी ने उसके गर्दन और पेट पर चाकू से कई बार वार किए गए। इसके एक सप्ताह बाद बच्ची की जान चली गई। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि जब वह बेटी को एसकेएमसीएच से पीएमसीएच ले गई, तो वहां 3-4 घंटे तक उसे बेड नहीं मिला। एंबुलेंस में हालत ज्यादा बिगड़ गई। इससे बच्ची की मौत हो गई।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने की थी फांसी की मांग
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार रेप पीड़िता बच्ची के परिजनों से मिले। एनडीए सरकार को घेरते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। इस मामले के आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इतना ही नहीं, आरोपी को फांसी की सजा मिले। तेजस्वी के आने के बाद परिजनों ने बताया कि तेजस्वी ने मामले के आरोपी को सख्त सजा दिलाने की बात कही है। वहीं, मृतका के दो भाई को नौकरी दिलाने की भी मांग रखी गई है।